जानिये, अब सरकार ने नेताओं से बिजली बिल वसूलने का निकाला ये नया तरीका

Uttar Pradesh Chief Minister Adityanath Yogi during an inspection of Gomti Riverfront, one of the ambitious projects of Akhilesh Yadav-led Samajwadi Party government, in Lucknow on Monday. Express Photo by Vishal Srivastav. 27.03.2017. *** Local Caption *** Uttar Pradesh Chief Minister Adityanath Yogi during an inspection of Gomti Riverfront, one of the ambitious projects of Akhilesh Yadav-led Samajwadi Party government, in Lucknow on Monday. Express Photo by Vishal Srivastav. 27.03.2017.

नई दिल्ली : हमारे देश में मंत्री और ऊंची पहुंच वाले नेता लोग बिजली का बिल नहीं भरते थे। उनके घर पर बिजली के भारी सामान बेफिक्र होकर चलते थे और JE की हिम्मत नहीं जो उनसे बिल भरने को कह दे।

लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं होगा। योगी सरकार ने मंत्रियों और नेताओं से बिजली का बिल वसूलने का नया तरीका निकाल लिया है। जिससे बिजली विभाग नेताओं और मंत्रियों से भी बिजली का बिल वसूल लेगा।

सरकार की नई योजना के तहत अब बिजली के ऐसे मीटर घरों के बाहर लगेंगे जिनको पहले रिचार्ज करना पड़ेगा उसके बाद घर में लाइट आएगी। सिंपल तरीके से समझा जाए तो जैसे प्रीपेड मोबाइल में होता है। जितना रिचार्ज उतनी ही कॉल अब ऐसे ही इन PM मीटर्स में होगा। जितना रिचार्ज उतनी ही बिजली।

इस योजना में डेली या मंथली टैरिफ के हिसाब से रिचार्ज कार्ड के जरिए घर में लाइट जलेगी। खास तौर पर वहीं लगाएंगे जाएंगे, जहां से बिजली बिल समय से नहीं जमा होता है। राज्यसंपत्ति विभाग और बिजली विभाग से जुड़े सीनियर अफसरों की मानें तों सभी सरकारी आवास में इसे कंपल्सरी बनाने की प्लानिंग की जा रही है। राज्यसंपत्ति विभाग के एक सीनियर अफसरों के अनुसार, प्रीपेड मीटर प्लान पर पिछले सालों से काम चल रहा था।

नेता-मंत्री अपने कार्यकाल में लोग पूरी बिजली यूज करते, लेकिन बिल कोई नहीं देता है। इसके बाद दूसरों को आगे देने में दिक्कत होती है।

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अब हम प्रीपेड मीटर पर काम कर रहे हैं। इससे मंथली या डेली के टैरिफ के हिसाब से रिचार्ज करवाकर ही लाइट यूज करपाएंगे। कई दौर में इस पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर सहमति जता दी है, इसलिए इसे लागू करने को लेकर अब आगे काम किया जा रहा है।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे पहले सभी विधायकों के सरकारी आवास, मंत्रियों के आवास, और जिला स्तर के सभी अफसरों के यहां लगाया जाएगा। हालांकी इसमें अभी 2 से 3 महीने का वक्त लग सकता है।

योजना का सीधा सा मकसद ये है कि इसमें मंत्रियों और अफसरों का बकाया लाखों करोड़ों का बिजली बिल जो अपने रसूख के दम पर बिना जमा किए चलाते हैं। उससे छुटटी मिलेगी।

अब दिन और यूनिट के हिसाब से उन्हें रिचार्ज कार्ड के जरिए वाउचर लेकर लाइट का यूज करना हेागा। यूनिट ज्यादा इस्तेमाल करने पर या वैलिडिटी खत्म होने पर कनेक्शन ऑटो कट हो जाएगा।
अभी चल रहे प्रीपेड मीटर का टैरिफ प्लान मिनिमम 500 रु. है, और मीटर कास्ट 6 हजार रु. सिंगल फेज की है। लेकिन गिनती के लोगों ने ही इसमें इट्रेस्ट दिखाया है। इस वजह से भी इसे पब्लिक के बजाय बड़े स्तर पर सरकारी कार्यालय और आवासों में लगाने की तैयारी है।

इसमें 1 किलोवाॅट से लेकर 10 किलोवाॅट तक का टैरिफ बनाने का काम चल रहा है। अभी मिली जानकारी के अनुसार, 2 किलोवाॅट तक के मिनिमम रिर्चाज टैरिफ 50 रु. का होगा। जिसकी वैलिडिटी 2 दिन की होगी।

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