नोटा पर सियासत से कर्मचारी राजनीति में हलचल

उत्तर प्रदेश। BJP अध्यक्ष राजनाथ सिंह के सूबे के कर्मचारियों की मांगे स्वीकारते हुए चुनाव में नोटा प्रयोग न करने का आग्रह करने से कर्मचारी राजनीति में हलचल मच गई है। BJP समर्थक श्रमिक संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया जबकि अन्य संगठन ने इस बावत फैसला लेने की बात कही है।

राजनाथ सिंह ने एक  प्रेस कॉनफ्रेंस में BJP की सरकार बनने पर पुरानी पेंशन नीति फिर लागू करने का वादा कर आंदोलनरत कर्मचारी संगठनों को मनाने का प्रयास किया गया। दरअसल, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने पुरानी पेंशन नीति सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी नोटा बटन दबाओ अभियान छेड़ रखा है।

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यहाँ परिषद अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी के नेतृत्व में 55 संगठनों के नेता अभियान में शामिल हैं। तिवारी रैली और रथ यात्रा के माध्यम से शहर और कस्बों में जाकर नोटा बटन दबाने के लिए कर्मचारियों जागरुक कर रहे है। उधर अभियान के अगुआ हरि किशोर तिवारी ने बताया है कि वह इस पर संगठन पदाधिकारियों के साथ विचार-विर्मश करने के बाद कोई निर्णय लिया जाएग।

राजनाथ के दांव पर नोटा बटन दबाओ के प्रमुख घटक और जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडेय का कहना है कि भाजपा ने कर्मचारियों की मांग को अपने घोषणा पत्र में क्यों  नहीं शामिल किया। अगर वाकई में राजनाथ कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर हैं तो वे पूरक घोषणा पत्र जारी करें।

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