निर्भया केस के नाबालिग अपराधी के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई पुनर्वास की योजना

नई दिल्ली : निर्भया रेप और मर्डर केस का नाबालिग दोषी 20 दिसंबर को छूटकर बाहर भी आ सकता है। वह 20 साल का हो चुका है। हालांकि यदि दिल्ली हाई कोर्ट दखल दे तो संभव है कि उसे सलाखों के पीछे भेजा जा सके। दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने सोमवार को ही नाबालिग के पुनर्वास की योजना भी पेश की।

क्या है पुनर्वास की योजना
दिल्ली सरकार उसे 10,000 रुपये की आर्थिक मदद और एक सिलाई मशीन देगी। ताकि वह सिलाई का काम करते हुए गुजर-बसर कर सके। लेकिन केंद्र ने इसका विरोध किया है और चाहता है कि उसकी हिरासत बढ़ाई जाए। दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र की इस मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

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केंद्र की यह दलील
हालांकि दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग चाहता है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को रिपोर्ट सौंपने से पहले उस नाबालिग अपराधी के गांव का दौरा करे। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कोर्ट से अपील की है कि उसकी रिहाई अभी टाल दी जाए साथ ही आईबी की रिपोर्ट में उसकी मानसिक स्थिति का भी हवाला दिया है।

क्या कहती है IB रिपोर्ट
आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक इस नाबालिग अपराधी की मानसिक स्थिति स्पष्ट नहीं है।रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि उसकी जो मानसिक स्थिति है, उसमें कोई भी उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है। केंद्र ने यह भी कहा है कि उस पर नजर रखने के लिए दिल्ली सरकार के पास कोई कोई योजना नहीं है।
माता-पिता भी कर चुके हैं विरोध
निर्भया के पिता कह चुके हैं कि उस अपराधी को मुक्त घूमने की इजाजत न दी जाए। वह समाज के लिए खतरा है। उसे रिहा करने से पहले उसकी मानसिक स्थिति का आकलन किया जाए ताकि वह किसी और लड़की पर हमला न कर सके। माना जाता है कि निर्भया को सबसे ज्यादा चोट उसी ने पहुंचाई थी।

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