नेटवर्क बिज़नेस: रूपयों के साथ – साथ सम्बन्धो पर दाव

नेटवर्क विज़नेस ने लगभग पूरे देश में अपने पैर पसार लिऐ हैं। लोग इस विज़नेस में जुड़ भी रहे है। पर अब तक लोंगों से मिले आंकड़ों के मुताबिक वे रूपयों के साथ-साथ अपनें सामाजिक संबन्धों पर भी दांव लगा रहे हैं।

नेटवर्क बिजनेस बेरोजगार लोगों को पार्टटाइम रूपऐ कमाने का ज़्रिया बन गया है। परन्तु लोग इस विज़नेस में कम कम रहे हे बल्कि गंवा ज्यादा रहे है। कारण यह है कि नेटबर्क बिजनेस की आड़ में देशभर में ठगी का जाल फैला है। इस बिज़नेस के माध्यम से बेरोजगार लोगों को रूपये कमाने का लालच देकर बखूबी ठगी की जा रही है। नेटवर्क विजनेस की कम्पनियों ने यूपी, बिहार, ओडीसा, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में अपने पैर पसार लिऐ हैं। यह बिजनेस कम्प्यूटर स्टडी, प्रोडक्ट सेलिंग, बीमा पोलिसी, ऑनलाइन सर्वे आदि की आड़ में किया जा रहा है।

गौरतलब है कि नेटवर्क बिजनेस की अधिकांशतः कम्पनियां लोगों कों मोटी कमाई का प्रलोभन देती हैं और अच्छी खासी रकम वसूल कर भाग जाती हैं।

 

ठगी और धोखा-धड़ी का ये खेल एजेंटो की एक लम्बी चेन के जरिये चल रहा है और जल्द करोड़पति बनने की ख्वाहिश रखने वाले स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राऐं भी इसका शिकार हो रहे हैं। नेटवर्क विजनेस की आड़ में हो रही ठगी में अब तक लाखों लोग अपने रूपयों के साथ अपने सामाजिक सम्बन्धो को भी गंवा चुके हैं। ऐसे ही नेटवर्क से मिलते जुलते मामले मे पिछले दिनों कुछ ऑनलाईन सर्वे कम्पनियों द्वारा की गई अपने ग्राहको के साथ धोखा-धड़ी का मामला भी काफी हाईलाईट रहा है। अफसोस अभी तक सरकारी तंत्र और खूफिया ऐजेंसीयाँ तक इस तरह के जालसाजी के मामलों पर अंकुश लगाने में असफल रही है।

कैसे होती है धोखा-धड़ी

नेटवर्क बिजनेस में कम्पनी से जुडनें के लिऐ एजेंटों के माध्यम से कुछ रूपयों या कम्पनी के निर्धारित कीमत तक के प्रोडक्ट की खरीद के साथ ज्वाइनिंग की जाती फिर अन्य लोगों कों इसी तरह जोड़ने पर कमीशन देने की बात होती है। कुछ समय तक तो सब ठीक चलता है इसके बाद कम्पनी लोंगों से मोटी रकम बसूल कर भाग जाती है।

Related Post

कोर्स स्टडी, प्रोडक्ट सेलिंग पर कमीशन का झांसा

कुछ कम्पनियां नेटवर्क बिजनेस के जरिऐ कई ब्रांडैड कम्पनियों के प्रोडक्ट की खरीद पर कमीशन का झांसा देती है तो कुछ कम्प्यूटर के विभिन्न कोर्सेज कराने व चेन में जुड़ने वाले व्यक्तियों पर कमीशन देने की बात कर रकम की वसूली करती है।

प्राइवेट बैंको सें होता है रूपयों का लेंन-देने

नेटवर्क बिजनेस कम्पनियों में अधिकांशतः कमीशन आदि के पैसों का लेन-देन प्राईवेट बैकों के जरिऐ किया जाता है। इसके अतिरिक्त कम्पनी ज्वाईनिंग के लिऐ ऐजेंट नकद धनराशि भी लेते हैं।

यह देश को तोड़ने की विदेशी साजिश तो नही?

जब हमारे देश पर अंगेजी हुकूमत थी तब अंगेजी राजनायिक मैकाले भारत आया था तो उसने अपने सहयोगियों से कहा था कि ‘‘ मैं भारत में काफी घूमा हूँ मैंने हर ओर से यह देश छान मारा है और मैंने यहाँ एक भी भिखारी या चोर को नहीं देखा। यह देश  इतना सम्बृद्ध है और इसके नैतिक मूल्य इतने उच्च हैं, यहाँ के लोग इतनी सक्षमता और योग्यता लिऐ हुऐ है, यहाँ के लोगों में आपसी विश्वसनीयता भाई-चारा इतना अटूट है कि हम यह देश कभी जीत सकते हैं यह मुझे नहीं लगता।’’ मैकाले के ये वकतव्य सिद्ध हुऐ, हमारा देश आज आजाद है।

विदेशी लोगों के लिऐ हमेशा से ही हमारे देश की एकता, अखण्डता अखरती रही है। कहीं यही तो वजह नहीं कि नेटवर्क बिजनेस कम्पनियों को भारत में उतारकर देश के लोगो के बीच संबन्ध तुड़वाकर इसे कमजोर करने की रणनीति हो। हमें सवधान रहना होगा।

Related Post
Disqus Comments Loading...