जानिए, क्यों मुजफ्फरनगर फिर भड़की जातीय हिंसा, दलितों पर ठाकुरों ने बरसाई गोलियां

नई दिल्ली : सहारनपुर में जातीय हिंसा के बाद शांत पश्चिम उत्तर प्रदेश में आज फिर जातीय हिंसा की आग भड़क उठी। छेड़छाड़ के मामले को लेकर आज दलितों और ठाकुरों के बीच जबरदस्त भिड़ंत हो गई। इसके बाद पथराव और फायरिंग में 18 लोग घायल हो गए।

एडीएम प्रशासन के नेतृत्व में पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को खदेड़ा और दोषियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। मामले को लेकर क्षेत्र में तनाव है। उल्लेखनीय है कि आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में कहा कि पिछली सरकार में गुंडाराज, माफियाराज कायम था। अब कानून का राज है। प्रदेश की 22 करोड़ जनता को हम सुरक्षा की गारंटी दे रहे हैं।

मुजफ्फरनगर के रतनपुरी थाना क्षेत्र के भूपखेड़ी आश्रम में रात गुरु शमनदासजी दलितों ने जन्म दिवस मनाया था। इसमें बाहर से भी लोग आए थे। कुछ ठाकुरों ने रात में सत्संग में आई दलित युवती को एक मकान में खींचने की कोशिश की। शोर मचाने पर भीड़ एकत्र हो गई तो पुलिस ने पहुंचकर मसला निपटाया।

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इसके बाद गुरुवार सुबह दलितों ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए विरोध किया। इसी बीच मेरठ के थाना सरधना के गांव रार्धना स्थित जवाहर इंटर कालेज से लौट रहे कक्षा 11 के छात्र विक्की पर कुछ दलितों ने हमला कर दिया। इसके बाद दोनों तरफ से जमकर डंडे और धारदार हथियार चले।

दलितों का आरोप है कि उन पर फायरिंग भी की गई। इस संघर्ष में पंद्रह लोग घायल हुए हैं। इसके बाद गांव में अंबेडकर प्रतिमा क्षतिग्रस्त कर दी गई तो दलित धरने पर बैठ गये। दोनों पक्ष फिर आमने-सामने आ गए। एक पक्ष से सोमपाल ने आठ लोगों के खिलाफ तहरीर दी है।

उधर ठाकुरों का कहना है कि दो युवक रात को वहां से गुजर रहे थे। उन पर छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगाते हुए हमला किया गया। एसपी देहात ने बताया कि दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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