जानिये, क्यों ममता सरकार 132 नगर निकायों के चुनाव फ़रवरी में ही करवाना चाहती है

कोलकाता: आने वाले वर्ष में होने वाले नगर पालिका व नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया ममता सरकार फरवरी में ही करवाना चाहती है। राज्य नगरपालिका एवं शहरी विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्देश दिया है कि ठंड खत्म होने से पहले ही अगर नगर पालिका चुनाव संपन्न हो जाए तो सबको सुविधा होगी।

राज्य के नगर पालिका मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम ने सभी सरकारी विभागों को इसके लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। सरकार की कोशिश है कि फरवरी में ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। यह भी कोशिश है कि बैलेट पेपर के जरिए ही मतदान हो।

दरअसल बंगाल में कुल 132 नगरपालिका और नगर निगम में 2020 में चुनाव होना है। इनमें से कुछ ऐसी नगरपालिकाएं हैं, जिनकी मियाद काफी पहले पूरी हो चुकी है जबकि कुछ की मियाद छह या आठ महीने बाद पूरी होने वाली है। ऐसे में अगर फरवरी में मतदान होता है तो कई नगर पालिकाओं और नगर निगम क्षेत्रों में मियाद पूर्ण होने से पहले ही मतदान होगा।

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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस ने सोची समझी रणनीति के तहत ही 2020 की शुरुआत में ही नगरपालिका का चुनाव संपन्न कराने का निर्णय लिया है। दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 12 लोकसभा क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस की हार हुई है।

बीजेपी ने इन सभी क्षेत्रों में शानदार जीत हासिल की है। उसके बाद से तृणमूल के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में टूटकर भाजपा में शामिल होते जा रहे हैं। इससे लोकसभा की तुलना में 2020 के नगरपालिका के समय भारतीय जनता पार्टी कई गुना अधिक मजबूत होगी। जितना अधिक देर होगा पार्टी की शक्ति उतनी अधिक बढ़ती जाएगी। इसलिए तृणमूल कांग्रेस ने 2020 के शुरुआत में ही नगर पालिका चुनाव संपन्न कराने की रणनीति बनाई है।

इसकी दूसरी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर से लेकर विधानसभा, ग्रामीण और पंचायत स्तर तक के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल ने सक्रिय टीम गठित की थी। वह अब भी जस की तस है और उसका इस्तेमाल नगरपालिका चुनाव के लिए करने की रणनीति तृणमूल कांग्रेस ने बनाई है। इसलिए माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश की वजह से वर्ष 2020 की शुरुआत में ही नगरपालिका चुनाव संपन्न हो जाएगा।

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