मध्य प्रदेश में मंदिर में भगदड़ से 115 लोगों की मौत

मध्य प्रदेश के दतिया जिले के रतनगढ़ माता मंदिर में भगदड़ से लगभग 115  व्यक्तियों के मरने की खबर है। हादसे में करीब 100 से  लोग घायल हो गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की तादाद अभी और बढ़ सकती है।

 

दरअसल, दर्शन करने जा रहे श्रद्घालुओं की भीड़ में भगदड़ मच गई और कई श्रद्धालु सिंध नदी में कूद गए। नदी में कूदे लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल भेजने का अभियान जारी है। इस हादसे में लोगों की मौत हो गई है। नदी में कूदे लोगों को निकालने और घायलों को अस्पताल भेजने का अभियान जारी है।

नवमी के दिन बड़ी संख्या में श्रद्घालु रतनगढ़ माता मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। मंदिर से पहले पड़ने वाले सिंध नदी के पुल पर भारी भीड़ थी। पुल संकरा है और उस पर मौजूद भारी भीड़ बेकाबू हुई तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। इससे भगदड़ मच गई। एक तरफ श्रद्घालु जहां एक-दूसरे को कुचलते हुए भागने की कोशिश में लगे थे तो कई जान बचाने के लिए नदी में कूद गए।

दतिया के विधायक और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि भगदड़ की वजह पुलिस लाठीचार्ज नहीं, बल्कि पुल टूटने की अफवाह है। वास्तव में क्या हुआ है, यह जानने वह खुद रतनगढ़ जा गये ।

Related Post

बरहाल नदी में कूदे श्रद्घालुओं की तलाश की जा रही है, वहीं घायलों को निकालकर अस्पताल ले जाने की केाशिश जारी है। सबसे बड़ी दिक्कत घायलों को लेकर जाने में आ रही है, क्योंकि हर तरफ  वाहनों की लम्बी कतार है और जाम जैसी स्थिति बनी हुई है।

ख़बरों के मुताबिक़ वहां मौजूद कई प्रत्यक्षदर्शी इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि पुलिस वालों ने मरने वालों की तादाद छुपाने के लिए कई शवों को नदी में फेंक दिया। इनका यह भी आरोप है कि पुलिस वालों ने शवों को नदी में फेंकने से पहले उनके जेवर और रुपये-पैसे निकाल लिए। मध्य प्रदेश के ही भिंड की रहने वाली गीता मिश्रा ने स्थानीय संवाददाताओं से कहा, ‘मैं भगदड़ के दौरान पुल पर ही थी। पुलिसवालों को 2 दर्जन से अधिक लोगों को नदी में फेंकते देखा।’

इस बीच राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को डेढ़ लाख गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार और मामूली रूप से जख़्मी लोगों के लिए 25 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है।शासन पर लापरवाही के आरोपों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह घटना जानकारी लेने के लिए आज सुबह दस बजे के करीब रतनगढ़ मंदिर पहुंचे।

 

Related Post
Disqus Comments Loading...