‘जब लौट कर आया तो अमिताभ बदल चुका था, वह मेरा दोस्त नहीं था’: कादर खान

नई दिल्ली : कई साल पहले एक टीवी कार्यक्रम में नजर आए कादर खान ने अमिताभ से अपनी दोस्ती के टूटने का खुलासा किया था। आजतक उस पर अमिताभ की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई। आजकल कादर काफी एकाकी जीवन जी रहे हैं। 80 साल के हो चुके हैं। पिछले कई सालों से अस्वस्थता की वजह से वे फिल्मों से भी दूर हैं।

दोनों में गहरी दोस्ती थी। दोस्ती में दरार की खबर भी कादर खान ने ही बताई थी। खान ने बताया कि जब अमिताभ सांसद बने, उसके बाद से बदल गये। यह भी खुलासा किया था कि जब वे पहली बार एमपी बने थे तो खुश नहीं थे। कादर खान और अमिताभ दोनों ही इस बात पर सहमत थे कि सियासत इंसान को बदल कर रख देती है।

सांसद बनने के बाद जब अमिताभ लौट कर आए और कादर खान से मिले तो वे बदले-बदले से दिखे। कादर ने कहा- वह मेरा अमिताभ नहीं था। मुझे काफी दुख हुआ। हालांकि, मुझे वे हमेशा कहते थे कि यदि तुम कभी राजनीति में जाना भी चाहोगे तो मैं लोगों को कहूंगा कि ये गलत आदमी है। इसे वोट मत दो। तुझे हरा दूंगा। तब मैंने अमिताभ से पूछा कि मुझे तो तू हराने के लिए ये सब करेगा, लेकिन खुद सांसद बन कर कैसे आ गया।

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दरअसल, कादर खान ने यह खुलासा शेखर सुमन के कार्यक्रम मूवर्स एंड शेखर में किया था। तब उन्होंने खुद के बारे में कई बातें बताई थीं। मुकद्दर का सिकंदर में कादर खान ने फकीर का रोल किया था। इस फिल्म के डॉयलॉग भी कादर ने ही लिखे थे। खुद से संबंधित एक डॉयलॉग के बारे में बताया कि जब मैंने निर्माता-निर्देशक को यह संवाद सुनाया तो वे रो पड़े थे। मुझे अपने घऱ तक नहीं जाने दिया और सीधा सेट पर लेकर गये थे।

 

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