जम्मू-कश्मीर आपदा: फायदा उठा रहा पाक, श्रीनगर में संचार सेवा बहाल

जम्मूग-कश्मीर में बाढ़ की वजह से आई तबाही के बावजूद पड़ोसी मुल्कp अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा। बाढ़ की वजह से दूरदर्शन और आकाशवाणी का प्रसारण ठप हो जाने के बाद पाकिस्ताजनी चैनलों के माध्य म से घाटी के लोगों के बीच अफवाहें फैलाने से जुड़ी खबरें सामने आई हैं। हालांकि, भारत सरकार ने इस बात की खबर मिलते ही तुरंत कदम उठाए और डीडी कश्मीीर का प्रसारण दिल्लीे से शुरू करवाया। बता दें कि बाढ़ की वजह से श्रीनगर में दूरदर्शन का केंद्र तबाह हो गया है।

 दूरदर्शन के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर में दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्र बाढ़ से तबाह हो गए हैं, जबकि कई पाकिस्तानी चैनल जम्मू-कश्मीर में प्रसारित हो रहे हैं। इससे गलत सूचनाओं का जाल बन रहा था। लेकिन दिल्ली से डीडी कश्मीर का प्रसारण शुरू होने यह स्थिति खत्म हो गई है। दूरदर्शन की कार्यवाहक प्रमुख विजय लक्ष्मी छाबड़ा ने कहा, “हम चैनल का लगातार प्रसारण करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं। हालात सामान्य होने पर श्रीनगर से प्रसारण शुरू किया जाएगा।

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य पर आए इस भारी संकट के बारे में कहा, ‘हमें नहीं पता था कि ऐसा संकट आ जाएगा। मैं अचानक से कुछ नहीं कर सकता। हमारे पास 2 हैलिपैड और एक रनवे ही है। जितना बन पड़ रहा है हम कर रहे हैं। जितना हमने किया उतना कोई नहीं कर सकता था। हम नहीं बता सकते कि स्थिति सामान्य कब तक होगी, लेकिन हम लोग प्रयास में जुटे हैं।

दूरदर्शन की कार्यवाहक प्रमुख विजय लक्ष्मी छाबड़ा ने कहा, ‘हम चैनल का लगातार प्रसारण करने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं। हालात सामान्य होने पर श्रीनगर से प्रसारण शुरू किया जाएगा। उधर, लेह घूमने गए एनआईटी के 150 छात्र भी जम्मू-कश्मीर बाढ़ में फंस गए थे। इन सभी छात्रों को श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया है।

खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ की आड़ में पाकिस्तानी आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं। एजेंट ने केंद्र सरकार को पाक में चल रहे आतंकी ठिकानों का एक मैप सौंपा है। आशंका जताई गई है कि पीओके में तहस-नहस हुए आतंकी प्रशिक्षण केंद्र से आतंकी भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकते हैं। सीमारेखा पर कुछ जगहों पर लगे तारों के बाड़ भी बह गए हैं। इस वजह से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकी संगठनों को मौका हाथ लगा है। सूत्रों का कहना है कि राहत कार्य देख रही सेना को इसके मद्देनजर सतर्क कर दिया गया है। सीमा पर सैटेलाइट और अन्य जरिए से इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

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