जानिए, क्या भारत में Google, Facebook और WhatsApp पर बैन से सुलझेगा H-1B visa विवाद

नई दिल्ली : भारत की टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा है कि H-1B visa पर भारत सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या भारत को भी फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों पर रोक लगा देनी चाहिए।

अमेरिका की संरक्षणवाद नीति का विरोध करते हुए सुनील भारती मित्तल ने कहा कि भारत के आईटी प्रोफेशनल के लिए कड़े वीजा शर्तों को लागू करना सही नहीं है क्योंकि एक ओर तो भारतीय प्रोफेशनल की मूवमेंट पर रोक लगायी जाती है तो दूसरी ओर विंदेशी कंपनियां भारत में मोटा मुनाफा कमाती हैं।

सुनील भारती मित्तल ने कहा, ‘ यदि आप ऐसे हालात में पहुंच जाते हैं जहां विशेषज्ञ वर्कर, जो कि आपके देश की इकोनॉमी को गति देते हैं, का प्रवेश कुछ खास देशों में रोक दिया जाता है, या फिर भारतीय कंपनियों को एक निश्चित सैलरी देने के लिए मजबूर किया जाता है, ताकि वे कॉम्पीटिशन में ना रह सकें, तो मैं सोचता हूं कि ये गलत है।’

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सुनील भारती मित्तल ने विदेशी टेक कंपनियां गूगल, फेसबुक और व्हाट्सअप का उदाहरण देते हुए कहा कि इन कंपनियों के करोड़ों एप भारत में इस्तेमाल किये जाते हैं, लेकिन भारतीय कंपनियों ने भी ऐसे कई एप विकसित कर लिये हैं, तो क्या ऐसी विदेशों कंपनियों को भारत में ऑपरेट करने की अनुमति दी जानी चाहिए। आपके पास ऐसी स्थिति नहीं हो सकती है कि एक तरफ भारत में फेसबुक के 20 करोड़ यूजर है, 15 करोड़ लोग व्हाट्सअप इस्तेमाल करते हैं, गूगल पर भी लगभग 10 करोड़ लोग हैं, क्या हम ये कह सकते हैं कि हम गूगल और फेसबुक की भारत में जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत ने भी ऐसे ही एप बना लिये हैं।

भारत में मोबाइल क्रांति के चेहरों में से एक सुनील भारती मित्तल ने कहा कि इंडिया के विशाल कस्टमर बेस की वजह से हमारा देश टेक्नॉलजी कंपनियों के लिए एक बड़ा मार्केट है। इसलिए हमारे देश के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

बता दें कि पिछले कुछ सप्ताह से अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय आईटी प्रोफेशनल के खिलाफ सख्त वीजा नियम अपनाये हैं। इससे उन भारतीय आईटी कंपनियों का परिचालन खर्च बढ़ सकता है जो विदेशो में क्लाइंट के साइट पर काम करने के लिए भारतीय प्रोफेशनल को उनके वीजा पर भेजते हैं।

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