जानिये, क्यों पतियों ने किया जिंदा पत्नियों का पिंडदान

मुंबई : महाराष्ट्र के नासिक में पत्नियों से प्रताड़ित पतियों ने अपनी जिंदा पत्नियों का पिंडदान करवाया है। रविवार को किए गए इस पिंडदान का उद्देश्य समाज को पत्नियों की प्रताड़ना से बारे में बताना था। इस दौरान वेदों के मंत्रों का उच्चारण हुआ और पूजा अर्चना की गई। इसके बाद गोदावरी नदी में पिंड को अर्पित किए गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह पूरा कार्यक्रम एक संस्थान के जरिए आयोजित किया गया था।

संस्थान के अध्यक्ष अमित देशपांडे ने कहा, ‘शादी के समय सात फेरे लेते हुए पति-पत्नी साथ में रहने की कसमें खाते हैं। लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों में छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा होना शुरू हो जाता है। जिसके बाद एक दिन उनका यह रिश्ता तलाक तक पहुंच जाता है। फिर उन्हें अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे मामले में ज्यादातर लोग महिला का समर्थन करते हैं। पतियों को हक दिलाने के लिए इस संस्थान की स्थापना की गई है।’ नासिक से पहले संस्थान ने वाराणसी में पिंडदान करवाया था।

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पिंडदान करने वाले 100 पतियों ने सरकार से एक पुरुष आयोग गठित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह पिंडदान पति-पत्नी के रिश्ते को खत्म करने के लिए था। हिंदू धर्म में दिवंगत रिश्तेदार के पिंडदान करने की परंपरा है। देशपांडे ने कहा, ‘कई बार पुरुषों की गलती नहीं होती है इसके बावजूद उन्हें जेल जाना पड़ता है। विवाहित पुरुषों की प्रताड़ना को सामने लाने के लिए ही जीवित पत्नियों का पिंडदान करवाया गया है।’

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