चारा घोटाला: नहीं बदलेंगा लालू यादव का जज

चारा घोटाला मामले में आरोपी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को लालू प्रसाद की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने बिहार में हुए चारा घोटाले में अपने खिलाफ सुनवाई किसी अन्य न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की थी। न्यायालय के इस फैसले से लालू को करारा झटका लगा है।

चीफ जस्टिस पी सदाशिवम के नेतृत्व वाली बेंच ने आरजेडी प्रमुख के इस आरोप को खारिज कर दिया कि मामले की सुनवाई कर रहे जज नीतीश कुमार सरकार के एक मंत्री के रिश्तेदार हैं, इसलिए उनका लालू के प्रति पूर्वाग्रह है। बेंच ने सुनवाई के इस लगभग अंतिम चरण में यह मुद्दा उठाने के लालू प्रसाद के कदम पर भी सवाल उठाया।

न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई भी इस पीठ में सदस्य हैं। पीठ ने कहा कि वह एक जज के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों को सुनने के इच्छुक नहीं हैं और इसके साथ ही उसने निचली अदालत की सुनवाई पर लगाए स्थगनादेश को भी हटा दिया।

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हालांकिए इससे पहले पीठ एक तरह से जज को हटाने के लिए सहमत होती प्रतीत हुई थी और उसने सीबीआई और लालू प्रसाद के वकील से मामले की आगे की सुनवाई के लिए एक वैकल्पिक जज का नाम सुझाने को भी कह दिया था।

चारा घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट से लालू यादव ने रांची के सीबीआई कोर्ट के जज को बदलने की अपील की थी। की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को अपनी दलील रखने के लिए पांच दिन का और बचाव करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है। अगर लालू यादव इस मामले में दोषी पाए जाते हैं, वो अगला चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

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