बिहार और असम में बाढ़ का कहर, केंद्र से मांगी सहायता

नई दिल्ली : देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में लगातार बाढ़ का कहर जारी है। असम और बिहार में बाढ़ की स्थिति में किसी तरह के कोई सुधार के संकेत नहीं हैं। केरल में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी गई है। वहीं मध्य प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ने से गर्मी और उमस का असर बढ़ गया है।

खबरों के मुताबिक, देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में लगातार बाढ़ का कहर जारी है। असम और बिहार में बाढ़ की स्थिति में किसी तरह के कोई सुधार के संकेत नहीं हैं। बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 लाख 83 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं दूसरी ओर असम के लोगों को बाढ़ से कोई राहत नहीं मिली है। 28 जिलों के कुल 4128 गांवों में आई बाढ़ से लगभग 53 लाख 52 हजार 107 लोग प्रभावित हुए हैं। बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेवा में लगाया गया है।

ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां गुवाहाटी समेत कई इलाकों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके चलते 28 जिले प्रभावित हैं। क्षेत्र के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी गई है। बाढ़ की वजह से राज्य में 1.3 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मिजोरम में 5000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं और पिछले 7 दिन में हुई भारी बारिश की वजह से बनी बाढ़ की स्थिति के बाद 4000 लोगों को खाली कराया जा रहा है।

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केरल में अगले कुछ दिन में दक्षिण-पश्चिम मानसून के मजबूत होने के साथ ही राज्य के तीन जिलों इडुकी, पथानमथिट्टा और कोट्टायम के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इडुकी जिले में 18 से 20 जुलाई तक, पथानमथिट्टा और कोट्टायम जिलों में 19 जुलाई के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप और तमिलनाडु, पुदुचेरी, कराईकल में अलग-अलग स्थानों और केरल में कई स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।

मध्य प्रदेश में किसी तरह का सिस्टम न बनने के कारण बारिश का दौर थम सा गया है, साथ ही तापमान में भी इजाफा हुआ है। राजधानी भोपाल सहित अन्य हिस्सों में गुरुवार को धूप की तेजी बढ़ गई। राज्य में मानसूनी बारिश का दौर कमजोर पड़ने से राज्य में गर्मी और उसम का असर बढ़ गया है।

झारखंड में आगामी तीन-चार दिनों तक मानसून के सक्रिय होने की संभावना भी नहीं है। हालांकि 22-23 जुलाई से मानसून सक्रिय हो सकता है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में चक्रवातीय तूफान के कारण मानसूनी फ्लो (नमी) बंगाल की खाड़ी से प्रशांत महासागर की ओर डायवर्ट हो रहा है। इसी कारण पूर्वी भारत में मानसून की स्थिति कमजोर हुई है।

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