किसानो को नहीं मिल रहा सहकारीता का लाभ

 

किसानो को आर्थिक सबल बनाने के लिए सरकार एवं सहकारिता विभाग भले हि पैक्स के माध्यम से अनुमण्डल के सभी प्रखंड के सभी पंचायतो में किसान ऋण से लेकर सरकारी दाम पर खाद बीज मुहैंया कराती हैं। लेकिन पैक्स पंचायत अध्यक्ष व सहकारिता कर्मी के मिली भगत से किसानो मिलने वाला ऋण फर्जी एलपीसी के सहारे उठाव कर लिए जा रहे हैं। वहीं किसानो को मिलने वाले खाद बीज कालाबाजारो में बेचा जा रहा हैं।

ग्रमीण अभी इस बात से अनभिज्ञ हैं कि कौन-कौन सी सुविधाएं पैक्स द्वारा उनको मिलना हैं जिनका फायदा पैक्स अध्यक्ष आसानी से उठा रहे हैं। फसल की खरीददारी में भी बिचैलिया तंत्र हावी हैं तथा पैक्स अध्यक्ष मनमाने मूल्य पर किसानो से खरीद करते हैं। अन्यथा व्यापारियों से खरीद करा कर अपना लक्ष्य पुरा कर किसानो का अनाज नहीं खरीदा जाता ऐसे में किसान कहा जाये समझ में नहीं आता।

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फिलहाल सदस्यता अभियान में भी पैक्स अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे पैक्स अध्यक्षो द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित कर सदस्य बनाया जा रहा जो चुनाव में उनके पक्ष में मतदान करें वो किसान हो या ना हो। जो सही तौर पर किसान हैं उन्हें टरकाया जा रहा हैं। जबकि सहकारिता द्वारा प्रत्येक माह के दूसरे रवीवार को शिविर लगा सदस्य बनाने का प्रवधान बनाया गया हैं पर लोगो को यह सुविधा भी मयस्सर नहीं हो रहा।

पैक्स के दबंग अध्यक्षों द्वारा सारे नियमो को ताक पर रख कर कार्य किया जा रहा हैं यह हाल सभी पैक्सो का हैं लोग सदस्य बनने को दर दर भटक रहे पर पैक्स अघ्यक्षों को ही यह जिम्मा सौपने से सदस्यता अभियान पर ग्रहण लग रहा ।

 

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