नहीं रहे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम

मिसाइल मैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम का शिलांग में सोमवार की रात तीव्र हृदयाघात से निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। भारत रत्न और भारतीय मिसाइलों के जनक एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 2002 से 2007 के बीच राष्ट्रपति के पद पर आसीन रहे। केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल ने बताया कि सरकार ने उनके निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। सुबह दस बजे कलाम के संबंध में कैबिनेट बैठक होगी।

देश के 11वें राष्ट्रपति रहे अब्दुल कलाम सोमवार को आइआइएम-शिलांग में लेक्चर देने आए थे। अपने अंतिम ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘शिलांग जा रहा हूं…आइआइएम में धरती पर जीवन को लेकर लेक्चर देना है। जनता के प्रिय राष्ट्रपति रहे कलाम ने शाम साढ़े छह बजे शिलांग में आइआइएम संस्थान में छात्रों को जीवन योग्य ग्रह पर व्याख्यान देना शुरू किया। पांच मिनट के बाद ही वह व्याख्यान देते समय अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। हृदयाघात से उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत नानग्रिम हिल्स में स्थित बेथनी अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन दो घंटे से अधिक समय तक डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।

अस्पताल का कहना है कि अस्पताल पहुंचते ही उनकी हालत मरणासन्न थी। उन्हें आइसीयू में रखा गया और आर्मी अस्पताल के डॉक्टरों को भी बुला लिया गया था। निधन की खबर सुनते ही राज्यपाल वी शनगुमनाथन, विधानसभा अध्यक्ष अबु ताहिर मंडल, राज्य के गृह मंत्री रोशन वाजीरी, मुख्य सचिव और डीजीपी राजीव मेहता तत्काल अस्पताल पहुंचे।

मुख्य सचिव पीबीओ वारजरी ने अस्पताल के बाहर संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल से बात की है। कलाम के पार्थिव शरीर को गुवाहाटी से दिल्ली मंगलवार की सुबह ले जाया जाएगा। कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक नगर रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा। कलाम के निधन पर देश के कई नेताओं ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया है।

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रामेश्वरम में शोक की लहर :

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन की खबर आते ही उनका पैतृक नगर रामेश्वरम शोक में डूब गया। रामेश्वरम में पूर्व राष्ट्रपति कलाम के पैतृक निवास पर बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने आने लगे। पूर्व राष्ट्रपति के 99 वर्षीय बड़े भाई मोहम्मद मत्थु मीरा लेबाई माराइकर निढाल होकर फूट-फूटकर रोने लगे। पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में स्थानीय मस्जिद बंद रखी गई।

कलाम साहब देश के मार्गदर्शक थे। उन्होंने देश को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बुलंदियों पर पहुंचाया है। वह एक महान नेता के साथ उच्च चरित्र, अदम्य साहस, ज्ञान का अथाह सागर और दृढ़ निश्चयी थे। वह एक महान वैज्ञानिक व जनता के राष्ट्रपति थे। पूरा देश कलाम के निधन से बहुत दुखी हैं। भारत ने अपना मिसाइल मैन खो दिया है।

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