दिल्ली आबकारी घोटाला: जेल में ही रहेंगे मनीष सिसोदिया, न्यायिक हिरासत दो जून तक बढ़ी

दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अवधि शुक्रवार को दो जून तक बढ़ा दी. विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की न्यायिक हिरासत समाप्त होने पर उन्हें अदालत में पेश किए जाने के बाद उनकी हिरासत बढ़ा दी.

अदालत ने गत 31 मार्च को सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा था कि सिसोदिया इस मामले में आपराधिक साजिश के प्रथम दृष्टया सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका निभाई.

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सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध किया और कहा कि वह सत्ता में थे और उनका राजनीतिक प्रभाव था. सीबीआई ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता ने आबकारी सहित विभिन्न विभागों को नियंत्रित किया और दावा किया कि जिस दिन वर्तमान मामला उपराज्यपाल द्वारा सीबीआई को भेजा गया, उस दिन उन्होंने जानबूझकर सबूत और मोबाइल फोन को नष्ट कर दिया था.

ईडी ने आबकारी नीति मामले में नौ मार्च को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. इससे पहले, सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने तथा उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले की जांच में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. वह दोनों मामलों में अभी न्यायिक हिरासत में

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