जानिए, क्यों ऑनलाइन बेची जा रही गायें

नई दिल्ली : सरकार द्वारा पशुओं की ब्रिकी पर प्रतिबंध के बाद किसानों और व्यापारियों ने पुशओं को खरीदने-बेचने के लिए नया रास्ता निकाल लिया है। खबरों के अनुसार इन मवेशियों की ब्रिकी अब ऑनलाइन साइट्स जैसे ओएलएक्स पर होने लगी है। जहां सैकड़ों गाय ब्रिकी के लिए तैयार हैं।

आपको बता दें कि यहां मवेशियों के मालिक इन्हें 50 हजार से दो लाख रुपए तक की कीमत में बेच रहे हैं। बीते सप्ताह पर्यावरण मंत्रालय ने आदेश दिया था कि पशु बाजार में सिर्फ कृषि के लिए मवेशी का व्यापार किया जा सकता है। जैसे जुताई और डेयरी उत्पादन के लिए पुशओं की खरीद-ब्रिकी की जा सकती है। बता दें कि ये नियम पशु क्रूरता के खिलाफ एक कठोर कानून के रूप में सामने आया था।

 

 

हालांकि इस मामले में आलोचकों का कहना है कि मोदी सरकार कट्टरपंथी हिंदू समर्थकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसा कर रही है। वहीं मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट बैंच ने चार सप्ताह तक के लिए सरकार के आदेश को निलंबित कर दिया है।

इंडिया टुडे की खबर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रहने वाले रवि शर्मा ने 75 हजार रुपए में अपनी देशी गाय बेच दी थी। हालांकि गाय बेचने के बाद वो थोड़ा चिंतित नजर आए। क्योंकि वो जानना चाहते थे कि गाय खरीदने वाला शख्स उसके साथ क्या करेगा और वह किस समुदाय से संबंध रखता है। रवि का कहना है कि उन्हें किसी अल्पसंख्यक समूह को गाय बेचने में दिलचस्पी नहीं है।

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वहीँ दूसरी तरफ गाजीपुर के भीम सिंह जल्द ही अपनी तीन गायों को बेचना चाहते हैं। इतना ही नहीं वो बाजार मूल्यों से 50 फीसदी कम दाम में गायों को बेचने तक को तैयार हैं। उन्होंने फोन पर एक संवाददाता से बात करते हुए कहा कि गायों को और ज्यादा अपने पास रखना खतरनाक साबित हो सकता है।

 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दो सालों में गो हत्या के नाम पर कई मुस्लिम और छोटी जाति के हिंदुओं को गाय बेचने के आरोप में अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। बीते दिनों में राजस्थान के भीलवाड़ा में एक शख्स को कथित गोरक्षों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना में कथित तौर पर आरएसएस के सदस्य का नाम भी सामने आया था। इससे पहले यूपी के दादरी में अखलाक की हत्या कर दी गई थी।

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