केरल के छात्र में पाया गया कोरोना वायरस, भारत का पहला मामला

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का पहला पॉजिटिव मामला सामने आया है। चीन से लौटे केरल के एक छात्र में Coronavirus का संक्रमण पाया गया है। यह छात्र वुहान युनिवर्सिटी में पढ़ता है और हाल ही में चीन से भारत लौटा है। केरल के एक अस्पताल में उसका इलाज जारी है। इस बीच बढ़ते खतरे के बीच भारत सरकार ने भी एडवाइजरी जारी कर दी है। आयुष मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में एहतियाती उपाय बताए गए हैं और कहा गया है कि होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा में Coronavirus का कारगर इलाज उपलब्ध है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि Coronavirus की रोकथाम में होम्योपैथी और यूनानी दवाएं कारगर हो सकती हैं। इन दवाओं के जरिये चीन में 100 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई है। वहीं चीन में हालात और बिगड़ गए हैं। यहां 132 मरीज सामने आने के बाद सरकार ने सेना बुला ली है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह एडवाइजरी एहतियाती उपाय के रूप में जारी की गई है। Coronavirus के सटीक उपचार का दावा नहीं किया जा रहा। सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) के वैज्ञानिक सलाह बोर्ड ने होम्योपैथी के माध्यम से Coronavirus की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की।

एडवाइजरी में कहा गया है कि Coronavirus से बचाव के लिए एहतियात के तौर पर आर्सेनिकम एलबम 30 को रोजाना खाली पेट तीन दिनों तक लिया जा सकता है। संक्रमण कायम रहने पर एक महीने बाद इसकी खुराक को दोबारा लिया जा सकता है।

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इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी की रोकथाम के लिए भी इस दवा की खुराक ली जा सकती है। इसमें आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं तथा घरेलू उपायों का भी जिक्र किया जा गया है। अगस्त्य हरितकी, शेषमणि वटी, त्रिकटु और तुलसी की पत्तियां और तिल के तेल जैसी दवाओं को उपयोगी बताया गया है।

Coronavirus के इलाज में यूनानी दवाओं को भी उपयोगी बताया गया है। इसके लिए शरबतउन्नााब, तिर्यकअर्बा, तिर्यक नजला, खमीरा मार्वारिद जैसी दवाओं को लेने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी में सामान्य साफ-सफाई की भी सलाह दी गई है।

वायुजनित संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए। इनमें हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोना, आंखों, नाक और मुंह को अनधुले हाथों से नहीं छूना चाहिए। इस वायरस से पीड़ित लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।

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