Chandrayaan-2 : लैंडर विक्रम से भले संपर्क टूट गया, लेकिन इसरो ने रचा इतिहास

नई दिल्ली : मिशन चंद्रयान-2  भारत का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम था, लेकिन शुक्रवार देर रात चांद  की सतह से महज 2.1 किलोमीटर की दूरी पर आकर यह अपने रास्ते से भटक गया। इस बात की आशंका पहले ही थी कि लैंडर विक्रम  के चांद की सतह पर पहुंचने से पहले के 15 मिनट काफी हैं।

देर रात लगभग 1 बजकर 38 मिनट पर लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन सतह पर पहुंचने से करीब 2.1 किलोमीटर पहले ही उसका इसरो (ISRO) से संपर्क टूट गया। पर अब भी विक्रम और प्रज्ञान से संपर्क की उम्मीदें बाकी हैं और यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। आइए अब हम जानते हैं कि आखिरी 15 मिनट में क्या हुआ? और कैसे इसरो का संपर्क लैंडर विक्रम से टूट गया था?

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केवल 2 किलोमीटर का फासला रह गया था : चांद की सतह पर पहुंचने में लैंडर विक्रम का केवल 2 किलोमीटर का फासला रह गया था। शुक्रवार-शनिवार रात करीब 1 बजकर 38 मिनट पर लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। वैज्ञानिकों ने करीब 1.44 बजे लैंडर विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग’ के चरण को पार कर लिया था।

इसके बाद उन्होंने इसकी रफ्तार धीमी करनी शुरू की। 1.49 बजे सफलतापूर्वक विक्रम लैंडर ने अपनी गति कम कर ली थी और वह चांद की सतह के बेहद करीब पहुंच चुका था। रात करीब 1.52 बजे चांद पर उतरने के अंतिम चरण में चंद्रयान-2 पहुंच चुका था लेकिन उसके बाद चंद्रयान का संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया।

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