दृश निश्चय और लक्ष्य प्राप्ति

 

 

 

 

 

लक्ष्य प्राप्ति के लिये सहज प्रव्त्तियों को होम कर देना होता है। सब मनुष्यों के कर्मों का लक्ष्य उन्नति कि चरम सीमा को प्राप्त करना है। अपने लक्ष्यों को पूरा होते देखने का सिद्धान्त जीवन के सभी क्षेत्रों में काम करता है। जब भी लक्ष्य तय करो, उसके लिए जुनूनी होना होगा। नाकामियों का आप पर नकारात्मक असर नहीं होना चाहिए। लक्ष्य को हासिल करने में कितना समय लग रहा है उससे विचलित होने की जरुरत नहीं है।

सार्थकता हासिल करने के लिए स्पष्ट तस्वीर बिल्कुल अनिवार्य है। जहां संकल्प बड़ा होता है वहां

विपदा और संकट बड़े नहीं हो सकते। लक्ष्य जितना बड़ा होता है उसका रास्ता भी उतना ही लंबा और बीहड़ होता है। सबकी सुनने और मानने वाला किसी नतीजे पर नहीं पहुंचता।

Related Post

अपने जीवन का कोई लक्ष्य बनाइये, क्योंकि लक्ष्यविहीन जीवन बिना पतवार की नाव के समान इधर-उधर भटकता रहता है। हमारा जीवन पक्षी है केवल थोड़ी ही दूर तक उड़ सकता है इसने पंख फैला दिए है देखोए जल्दी से इसकी दिशा सोच लो।

 

अपने प्रयोजन में दृढ़विश्वास रखने वाला एक कृशकाय शरीर भी इतिहास के रुख को बदल सकता है। निराश हुए बिना पराजय को सह लेना, पृथ्वी पर साहस की सबसे बड़ी मिसाल है। हमारी सुरक्षा, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे ग्रह के लिए बदलाव लाने का हममें साहस और प्रतिबद्धता होनी चाहिए। मानव के सभी गुणों में साहस पहला गुण है क्योंकि यह सभी गुणों की जिम्मेदारी लेता है। प्रेरणा कि हर अभिव्यक्ति में पुरुषार्थ और पराक्रम कि आवश्यकता है।

जो हर झाड़ी की जांच करता है वह वन में क्या घुस पाएगा। यह संकल्प कर लें कि यह जोखिम लेने योग्य है तो आपको तत्काल कर्म करने का साहस जुटा लेना चाहिए। सच्चा साहसी वह है जो बड़ी से बड़ी विपत्ति को बुद्धिमत्तापूर्वक सह सकता है। हर परिस्थिति में शांत रहने वाला निश्चित ही शिखर को छुता है। साहस का अर्थ होता है यह पता होना कि किस बात से डरना नहीं चाहिए। वह सच्चा साहसी है जो कभी निराश नहीं होता।

 

 

 

 

 

Related Post
Disqus Comments Loading...