सुप्रीम कोर्ट : IPL स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों को नहीं कर सकते नज़रअंदाज़

नई दिल्ली।  IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि हम IPL पर लगे आरोपों को सब कुछ जानते समझते हुए भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में दागी 13 लोगों के खिलाफ BCCI जांच करे। कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि BCCI और श्रीनिवासन बताएं की मामले की जांच कैसे हो सकती है।

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इसके साथ ही कोर्ट से एन श्रीनिवासन को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने श्रीनिवासन को BCCI के कामकाज से दूर रहने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट महेंद्र सिंह धोनी और श्रीनिवासन के साथ मुदगल समिति की बातचीत के आडियो रिकार्डिंग के टेप की मांग संबंधी BCCI याचिका पर सुनवाई के लिये सहमत हो गया है। साथ ही कोर्ट ने सुंदर रमन को IPL-7 के मुख्य संचालन अधिकारी के पद बने रहने की अनुमति दी।

इस बीच IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले में तमिलनाडु पुलिस के निलंबित अफसर संपत कुमार भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि स्पॉट फिक्सिंग में BCCI के कई पदाधिकारी और क्रिकेटर भी शामिल हैं, जिनकी जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम का गठन होना चाहिए। साथ ही संपत ने सुप्रीम कोर्ट से अपने निलंबन के आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की है।

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