ब्रिटिश PM ने भारत-चीन गतिरोध को बहुत गंभीर बताया, कहा- बातचीत से निकालें हल

Britain's Prime Minister Boris Johnson waves as he leaves 10 Downing Street, central London on October 24, 2019, after taking a political Cabinet meeting. - The pound firmed against the dollar and euro on Wednesday as the European Union prepared to grant a further delay to Brexit, averting the prospect of Britain departing the bloc next week without a deal. (Photo by Adrian DENNIS / AFP)

लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूर्वी लद्दाख में तनातनी को बहुत गंभीर और चिंताजनक स्थिति बताते हुए भारत और चीन से अपने सीमा मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने का आह्वान करते कहा कि ब्रिटेन स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है। हाउस ऑफ कॉमन्स में बुधवार को साप्ताहिक प्राइम मिनिस्टर्स क्वेश्चंस के दौरान जॉनसन का यह पहला आधिकारिक बयान आया है।

कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद फ्लिक ड्रुमंड ने एक राष्ट्रमंडल सदस्य और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच विवाद से ब्रिटेन के हितों पर पड़ने वाले असर को लेकर सवाल पूछा था। इस पर जॉनसन ने पूर्वी लद्दाख में तनातनी को बहुत गंभीर और चिंताजनक स्थिति बताया और कहा कि इस पर ब्रिटेन करीब से नजर रख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संभवत: सबसे अच्छी बात मैं कह सकता हूं कि हम दोनों पक्षों को सीमा पर मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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नई दिल्ली में बुधवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों के हटने पर पहले बनी सहमति के शीघ्र कार्यान्वयन पर सहमत हुए ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति का माहौल सुनिश्चित करने में मदद मिल सके। दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के तौर-तरीकों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राजनयिक स्तर पर वार्ता की।

कहा कि क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की गई और भारतीय पक्ष ने 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे।

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