महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति काफी गंभीर, अभी BJP सरकार बनाने को इच्छुक नहीं : देवेंद्र फडणवीस

मुंबई : कोरोना संक्रमण के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी बयानबाजी तेज है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के लिए शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की संयुक्त सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोमवार देर रात पहले राज्यपाल और फिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मामले में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साफ-साफ कहा कि महाराष्ट्र के फैसलों में हमारी पार्टी की कोई भूमिका नहीं होती है।

इसे पूरे घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य में कोरोना को लेकर स्थिति काफी गंभीर है। ऐसे हालात में हमारी इच्छा सत्ता परिवर्तन की नहीं है। हम कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं। सरकार पर भी इसके लिए दबाव बना रहे हैँ।

फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार पर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आर्थिक सहायता के उपयोग नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मैं वाकई में नहीं समझ पा रहा हूं कि शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार की प्राथमिकता क्या है। आज राज्य को एक असरदार नेतृत्व की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे कड़े फैसले लेंगे।

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शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को बताया कि शरद पवार और मुख्यमंत्री शरद पवार के बीच सोमवार देर रात करीब डेढ़ घंटे तक मातोश्री में बैठक हुई। उन्होंने ठाकरे की अगुवाई वाली सरकार के अस्थिर होने संबंधी अटकलों को खारिज किया। राउत ने कहा, जिन्हें इस सरकार के स्थिर होने पर शंका है। वे अपनी दुर्भावना के कारण ऐसा कर रहे हैं। यह सरकार मजबूत है। ठाकरे और पवार के बीच मुलाकात से पहले राकांपा नेता ने सोमवार सुबह राज्य के राज्यपाल बी एस कोश्यारी से मुलाकात की थी। हालांकि बैठक का समय महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना और राज भवन के बीच पिछले दिनों सामने आए गतिरोध की पृष्ठभूमि में हुई है।

वहीँ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि महाराष्ट्र सरकार को कांग्रेस समर्थन कर रही है। सरकार के बड़े फैसलों में उसकी कोई भूमिका नहीं है। महाराष्ट्र में भाजपा नेता नारायण राणे द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग पर राहुल ने कहा, अगर महाराष्ट्र में भाजपा रचनात्मक सवाल उठाना चाहती है तो उसे उठाना चाहिए। इससे हमारी सरकार सीख सकती है और उनकी मांगों को स्वीकार भी कर सकती है। इसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन लोकतांत्रिक ढांचे को उखाड़कर राष्ट्रपति शासन लगाने और रचनात्मक सवाल करने में बहुत फर्क है।

शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की थी। इस दौरान राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल भी पवार के साथ थे। करीब 20 मिनट तक की मुलाकात के बाद बाहर निकलकर पटेल ने बताया कि राज्यपाल के बुलावे पर हम यहां आए थे। कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।

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