संगीत कला के जरिये लोगों का उतावला पन हो सकता है शांत – कत्थक सम्राट बिरजू महराज

 

कानपुर। देश में बढ़ती हिंसा और महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं से आहत है कत्थक सम्राट बिरजू महाराज। कानपुर में एक कार्यक्रम में आये बिरजू महराज ने मीडिया से बात करते हुए, कई मुद्दों पर बातचीत की, साथ ही देश में शास्त्रीय संगीत के गिरते स्तर और उपेक्षा से काफी आहात है मगर इन सबसे ज्यादा यूपी सरकारो द्वारा इनकी बातो को नजरअंदाज करने से दुखी है दरअसल कत्थक सम्राट बिरजू महराज अपने घर लखनऊ में एक कलाश्रम यानि मठ खोलना चाहते है और इसके लिए कई पिछले कई मुख्यमन्त्रियो से अपनी बात कह चुके है मगर सबने आश्वासन तो दिया, मगर ना तो जमीन मुहैया कराई और ना ही मठ खोलने में कोई कदम उठाया।

देश के धरोहर कत्थक सम्राट बिरजू महाराज किसी परिचय के मोहताज नहीं है संगीत और नृत्य की दुनिया में इनको कौन नहीं जानता, 78 साल की उम्र में भी बिरजू महाराज के पैर बिजली के सामान चलते है और इस कला को वो हमेशा जिन्दा रखना चाहते है और इसके लिए वो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक कलाश्रम यानी मठ खोलना चाहते है जो इनका एक सपना भी है मगर प्रदेश की सरकारे इसको लेकर गंभीर नहीं है।

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बिरजू महाराज के अनुसार वो अपने सपने को साकार करने के लिए पिछले कई मुख्यमंतत्रियो से मिल क्ह उके है सबने आश्वासन तो दिया मगर किसी ने इसको लेकर को कदम नहीं उठाया, मगर इन सबसे ज्यादा दुखी इस बात से है कि प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कई बार मिलने की कोसिस की मगर बिरजू महराज अभी तक मुख्यमंत्री तक नहीं पंहुच पाए।

इसके अलावा बिरजू महाराज देश में महिलाओं के प्रति बढती हिंसा से भी काफी दुखी है बिरजू महाराज का मानना है कि देश में बढाती हिंसा और महिलाओं के हो रही घटनाओं को रोकने का बस एक ही तरीका है संगीत। इस संगीत के जरिये मन और मष्तिक को शांत किया जा सकता है क्योकि संगीत और नृत्य ही एक एसा माध्यम है जो लोगो के अन्दर उतावले पन को शांत कर सकता है।

 

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