बड़ा खुलासा : सामने आया रेल हादसे का ये सच

नई दिल्ली : उदयपुर-कोटा-चित्तौड़गढ़रेलवे ट्रेक पर हादसा करने की साजिश का गंभीर मामला सामने आया है मांडलगढ़-बरूंदनी स्टेशन के बीच पटरी को जोड़ने रखने वाले 18 स्लीपर के पैंड्रोल क्लीप निकाल दिए। इसके बाद मैनाली नदी के ब्रिज से 12 मीटर पहले उसी पटरी को आरी से आठ एमएम तक काट दिया। पूरी रातभर ट्रेक से गाड़ियां गुजरती रही।

सुबह करीब 11 बजे गैंगमैन को पता चला तो रेलवे हरकत में आया। इसके बाद इस ट्रेक से गुजरने वाली गाड़ियों को कम गति निकाला और रात आठ बजे तक मरम्मत की जा सकी। रेलवे और मांडलगढ़ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक तौर पर यह तय हो चुका है कि यह चोरी की सामान्य घटना नहीं होकर गहरी साजिश है।

मांडलगढ़ रेलवे के सेक्शन इंजीनियर आरपी मीणा के मुताबिक 21 अगस्त को दोपहर डेढ़ बजे रूटीन जांच के बाद स्थिति सही मिली थी। दूसरे दिन सुबह 11 बजे गैंगमैन किशनलाल ट्रेक चैक पर निकले तो बरूंदनी के पास 18 स्लीपरों की अंदर-बाहर से दाहिनी पटरी की पैडल क्लीप बिखरी हुई मिली। थोड़ा आगे चलते ही मैनाली ब्रिज से 12 मीटर कोटा की तरफ वही पटरी 8 एमएम तक कटी हुई मिली। इसे आरी से काटा गया है। ऐसे में साफ है यह चोरी या कोई सामान्य शरारत तो हो ही नहीं सकती। यह गंभीर हादसे करने की साजिश लग रही है। आरपी मीणा कहना है कि हमने अधिकारियों को बता दिया और आरपीएफ जांच में जुटी है। इसके अलावा रेलवे कोटा मंडल के अधिकारियों को भी रिपोर्ट भेजी है।

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सूत्रों के अनुसार रेलवे पटरियों से अक्सर सामान चोरी होता रहता है, लेकिन इस बार मामला चिंताजनक है। क्योंकि सामान को वहीं छोड़ जाने से चोरी की बात गले नहीं उतर रही है। दूसरी बात ब्रिज से 12 मीटर पहले आरी से पटरी को काटने के पीछे गहरी साजिश लगती है। क्योंकि यदि ट्रेन असंतुलित भी होती तो कम से कम 20 मीटर तक तो जाती। इसलिए आशंका है कि ब्रिज से नदी में गिराने की साजिश तो नहीं थी।

मिली जानकारी के मुताबिक गुलाबपुरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर लगी लोहे बैंच सीमेंट के स्लीपर असामाजिक तत्वों ने ट्रैक पर डाल दिए थे। घटना 5 अगस्त को रात 2:18 बजे की थी। जब उदयपुर-खजुराहो एक्सप्रेस ट्रेन गुलाबपुरा से होकर गुजरी तो ट्रैक पर पड़ी बैंचों से टकरा गई। टक्कर लगने से बैंचों के टुकड़े करीब 500 मीटर तक उछलकर बिखर गए थे।

धमाका होने पर यात्री सहम गए। रेलवे अंडरब्रिज से कुछ आगे ट्रेन करीब 30 मिनट रुकी रही। ट्रेन करीब 110 की स्पीड से चल रही थी। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। रात में ही आरपीएफ के गार्ड तथा गेंगमैन पहुंचे। दूसरे दिन चित्तौड़गढ़ जीआरपी थाने के उप पुलिस अधीक्षक गणपतलाल चौबे, पुलिस थाना अधिकारी दशरथ सिंह, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के सहायक कमाडेंट पोखर मल मौके पर पहुंचे। बुकिंग क्लर्क गणेश लाल की रिपोर्ट पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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