अम्बेडकर कोई नाम नहीं क्रान्ति है: धनी राव पैंथर

कानपुर । बाबा साहब अम्बेडकर कोई नाम नहीं बल्कि क्रान्ति है। कोई वर्ग चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय का हो, धन शक्ति, बल शक्ति, बुद्धि शक्ति से वह मुकाम हासिल नहीं कर पाया जों बाबा साहब ने हासिल किया। आज बाबा साहब हमारे बीच नहीं हैं किन्तु उनका जीवन संघर्ष हमारे लिऐ प्रेरणा स्त्रोत है। यह वकतव्य अम्बेडकर विचार गोष्ठी में उभर कर आऐ।

मंगलवार को काला बाबा आश्राम में भारतीय दलित पैथर की दक्षिण इकाई द्वारा आयोजित अम्बेडकर विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित आईआरएस प्रहलाद सिंह ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर का जीवन ही उनका संदेश हैं हमें द्रढ़ निश्चय के साथ  बाबा साहब के मार्ग पर चलकर समाज का उत्थान करना चाहिऐ।

 

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भारतीय दलित पैंथर के अध्यक्ष धनी राव पैंथर ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर कोई नाम नहीं बल्कि क्रान्ति है। बाबा साहब विचारों की ज्योति के रूप में आज भी हमारे बीच विद्यमान है। बीएसएनएल के पूर्व मंण्डल अभियंता एसबी सैनी ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए हमें कुछ मेहनत का भुगतान करना चाहिऐ अन्यथा अव्यवस्था को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा ओबीसी-एससी दोनों यदि भाई चारे के साथ एक होकर समाज में आऐं तो निश्चित ही एक क्रान्ति कायम होगी जो समाज को एक नई नहीं दिशा देगी।

  • विचार गोष्ठी में सैकड़ों की तादाद में लोग जुटे
  • बाबा साहब अम्बेडकर का जीवन ही उनका संदेश: प्रहलाद सिंह

परिसंघ के डॉ. अनिल कुमार ने कहा 14 अप्रैल को बाबा साहब अम्बेडकर का जन्मदिन है जिसे हमसब एक एतिहासिक रूप देंगें। विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में मौजूद ताराचन्द्र ने कहा अब समय आ गया है कि हम ओबीसी-एससी सब एक होकर बाबा साहब का ऋण अदा करें। गोष्ठी का संचालन अशोक कुरील, और राम प्रसाद रसिक ने किया। इस दैरान प्रेमजी बौद्ध, दीपक राठौर, उर्मिला रालपूत, आशीष गुप्ता, भगवान दीन बर्मा, श्राकान्त चैधरी, आकाश सिंह बादल, संतोष पैथर, उषा, सावित्री देवी, संतोष भारती, अखिलेश कुमार, जीतू सोनकर, सोनू पाल, शमशाद, बन्दना, अनिल प्रजापति, राज कुमार गौतम, शलमान ताज, रवीन्द्र पाल, सीमा, राजा पाल, अरूण कुश्वाहा, डिम्पल राय सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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