बंद हो सकते हैं 2000-500 के नोट, होगा ये बड़ा फायदा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा जो कदम उठाए गए हैं उसके बाद अब अर्थक्रांति प्रतिष्ठानन का मानना है कि अगले 6 महीने में भारत कैशलेस हो जाएगा। इसके बाद भारत में प्लारस्टिक करेंसी और ऑनलाइन बैंकिंग चलेगी।

यह प्रतिष्ठाहन वही है जिसे पीएम मोदी के नोटबंदी वाले कदम के पीछे का थिंक टैंक माना जाता है। गुरुवार को प्रतिष्ठानन ने कहा कि अगले 6 महीने से साल भर में भारत कैशलेस हो जाएगा और फिर सरकार 2000 और 500 रुपएके नोट भी हमेशा के लिए बंद कर दे। नईदुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक अखबार से बात करते हुए इसके एक थिंक टैंक अमोद फाल्केर ने कहा कि नोटबंदी ने प्लानन में अगला स्टे प जोड़ दिया है जो बैंकिंग ट्रांजेक्शकन टैक्सल के रूप में होगा।

अर्थक्रांति प्रतिष्‍ठान के अनुसार बड़े नोटों को बंद करने के बाद भारत में लगने वाले सभी टैक्स‍ मसलन इन्कगम टैक्से, वैट, एक्साहइज ड्यूटी और प्रस्ताषवित जीएसटी भी हट जाएंगे और इन सभी को 1-2 प्रतिशत बैंकिंग ट्रांजेक्शमन टैक्स‍ से रिप्लेलस कर दिया जाएगा।

बैंकिंग ट्रांजेक्श्न टैक्‍स के अंतर्गत लोगों को 1-2 प्रतिशत टैक्सं देना होगा। यह टैक्सं केंद्रीय, राज्या और स्थाहनीय बॉडीज के बीच बांटा जाएगा। जब सभी ट्रांजेक्शशन कैशलेस होंगे तो प्रतिष्ठाोन का मानना है कि बीटीटी को मिलने वाले टैक्सग 21 लाख करोड़ तक पहुंच जाएंगे जो उन सभी टैक्सों से मिलने वाली रकम के बराबर हैं जो केंद्र और राज्योंब द्वारा लगाए गए हैं।

फाल्के ने दावा किया कि वो पीएम मोदी से 2013 से अपने प्रस्ता व लेकर मिल रहे हैं और उस समय वो गुजरात के सीएम थे। उनके अनुसार जैसे की भारत की अर्थव्य वस्थाी काफी बड़ी मात्रा में नकदी पर निर्भर है ऐसे में पीएम मोदी एक वक्तत में सभी बड़े नोट बाजार से नहीं हटा सकते। लेकिन उन्हों ने अपने भाषण में साफ कहा था कि 2000 रुपए का नोट रेगुलेट होगा। जैसे ही लोग कैशलेस तरीकों को अपनाने लगेंगे, इस नोट को बाजार से हटाना असान हो जाएगा।

Related Post

अर्थक्रांति के अनुसार बाजार में 50 और 100 के नोट बने रहेंगे क्यों कि गरीब आदमी को कैशलेस होने में वक्तअ लगेगा। उसके अनुसार अगर आप अमेरिका या दूसरे देशों की अर्थव्यजवस्थास को देखें तो वहां लोग भारी मात्रा में कैश लेकर नहीं चलते लेकिन भारत में बड़े नोटों की वजह से लोग बैंकिंग सिस्टाम से काफी दूर हैं।

फाल्केक ने आगे कहा कि उनके प्लासन में वो बिल्कुरल नहीं चाहते की लोग अपने अकाउंट में 100 करोड़ जमा कर दें और पेनल्टीब भुगतें।

पहले टैक्सेहशन सिस्टकम डिफेक्टिव था जिसके चलते लोगों को बड़ी रकम जमा करने में पेनल्टीं नहीं लगती थी। सरकार अब इसका 10 प्रतिशत टैक्से ले सकती है और बचा हुआ अमाउंट 15 साल के बॉन्डज के माध्येम से दे सकती है।

उन्होंतने कहा कि यह पूरी तरह वक्तु पर निर्भर है कि कब उनकी पॉलिसी लागू की जाती है। संभव है यह 2017-18 में हो या फिर 2019 में। लोगों को हमारे प्ला न की ताकत का एहसास हो चुका है।

Related Post
Disqus Comments Loading...