उदय पुर में भटकते मानसिक विक्षिप्त

Like this content? Keep in touch through Facebook

उदयपुर। विश्व और भारत के मानचित्र पर पर्यटक नगरी के रूप में अपनी एक अलग ही पहचान रखने वालें और झीलों की नगरी के नाम से जगप्रसिद्ध उदयपुर में वर्ष भर देसी-विदेशी सैलानियों की आवाजाही रहती है, पर उसी बहार के बीच इस शहर में मानसिक विक्षिप्त ऐसे लोगों की भी कमी नहीं रहती, जिन्हें साधारण भाषा या जनजुबां में ‘पागल’ कहा जाता है।

कहां से आते हैं ये ? पुराने तो ठीक हैं, कभी अचानक नया चेहरा कहां से आ जाता है? कभी कोई पुराना चेहरा अचानक कहां गायब हो जाता है? कहां चला जाता है वह ? इन सवालों का जवाब ढूंढा जाए, तो प्राय: सबके जहन में एक ही बात सामने आती है। वह है – “ ट्रेन “।

शहर में कोई नया मानसिक विक्षिप्त आए, तो ज्यादातर लोगों का मानना है कि वह भारतीय रेल से ही यहाँ पर आया है। या कोई पुराना विक्षिप्त गायब हो जाए तो समझिए कि उसे रेल में बैठाकर नियती के हवाले कर दिया गया है और आश्चर्य की बात यह है, कि यह काम नाइन्टी नाइन परसेंट किसी और ने नहीं बल्कि ” आमजन की रक्षा ” करने वाली खुद पुलिस ने किया है।