IPL स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीनिवासन को क्लीनचिट, राज कुंद्रा फिक्सिंग में शामिल

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IPL फिक्सिंग मामले में जांच करने वाली पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मुकुल मुदगल की अध्यक्षता वाली कमिटी ने आईसीसी चीफ एन. श्रीनिवासन को क्लीनचिट दी है। हालांकि श्रीनिवासन के दामाद मयप्पान को सट्टेबाजों के संपर्क में रहने की बात रिपोर्ट में कही गई।

मुद्गगल कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिल्पाे शेट्टी के पति और IPL टीम राजस्थाकन रॉयल के मालिक राज कुंद्रा सट्टेबाजों के संपर्क में थे। मुद्गल कमेटी की जांच में यह साबित हुआ है कि मयप्पन सट्टेबाजी और स्टैंड्स से जानकारी पहुंचाने का काम किया करते थे। हालांकि रिपोर्ट में मयप्पन के खिलाफ सबूत न होने की बात कही गई। रिपोर्ट में खिलाड़ियों पर कार्रवाई नहीं करने की बात कही गई।
मुद्गल कमेटी में राज कुंद्रा के खिलाफ कमेटी ने दूसरे पहलुओं पर जांच करने की बात कही। फिक्सिंग मामले में खुलासा होने से क्रिकेट जगत में हड़कंप मचा हुआ है। बीसीसीआई की सालाना आम बैठक 28 नवंबर को होनी थी लेकिन बोर्ड ने अब इसे चार हफ्ते के लिए टालने का फैसला किया है।

कोर्ट ने कहा कि BCCI के चुनाव पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। लेकिन सलाह दी कि BCCI फैसले के बाद ही चुनाव करें। स्पॉट फिक्सिंग मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट पर सुनवाई होनी थी।

वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने मुद्गल कमेटी की ओर से 3 नवंबर को एक सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को रिपोर्ट सौंपी थी। जज टीएस ठाकुर की बेंच को सौंपे गई रिपोर्ट में गोपनीयता बनाए रखने की बात कही गई थी। मामले में अक्टूबर 2013 में जज एके पटनायक ने कमेटी को जांच के लिए नियुक्त किया था। पटनायक 2 जून को रिटायर हो गए हैं। आईपीएल के नियमों के मुताबिक, अगर किसी भी टीम से जुड़ा अधिकारी गलत हरकतों में लिप्त पाया जाता है तो उसकी फ्रेंचाइजी बर्खास्त कर दी जाएगी। राजस्थान रॉयल्स के साथ भी कुछ ऐसा ही है।

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि था कि एन श्रीनिवासन, गुरुनाथ मयप्पन, राज कुन्द्रा और सुंदर रमण के संबंध में रिपोर्ट का खुलासा किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मुदगल कमिटी की रिपोर्ट की कॉपी BCCI, श्रीनिवासन और अन्य तीन लोगों को मुहैया कराई जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों से रिपोर्ट की कॉपी मिलने के चार हफ्ते के भीतर आपत्तियां दायर करने का भी निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हमने रिपोर्ट देखी है और इसमें कुछ व्यक्तियों के कदाचार के बारे में संकेत मिलता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘समिति के चुनिंदा निष्कर्षों से ऐसा लगता है कि उसने कुछ व्यक्तियों को दोषी ठहराया है।