पाकिस्तान जेल में सरबजीत के सर पर हमले से हालत गंभीर

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SARABJEET1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए बम धमाके में शामिल होने सरबजीत को के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 14 लोगों की जान गई थी। गिरफ्तारी के बाद सरबजीत को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। बाद में सरबजीत ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कीए जिस पर अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है और तब से लेकर अब तक सरबजीत जेल की सजा काट रहा हैए जहाँ पर उसपर जानलेवा हमला किया गया है जिसके बाब उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।

फांसी की सजा पाए सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में ही कैदियों ने जानलेवा  हमला कर दिया था। लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराए गए सरबजीत को वेंटिलेटर पर रखा गया है। वह डीप कोमा में चले गए हैं। उनके सिर पर गंभीर चोट है और चेहरा काफी सूजा हुआ है। उनकी सर्जरी करने की सख्तह जरूरत हैए लेकिन कोमा से बाहर आए बिना डॉक्ट र सर्जरी नहीं कर सकते। अगले 24 घंटे सरबजीत के लिए बेहद अहम हैं।

 

लाहौर क्षेत्र के डीआईजी ;जेलद्ध मलिक मुबाशर खान पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारी इस्ला;माबाद से सरबजीत के पास पहुंच गए हैं। सरबजीत की बहन दलबीर कौर भी वहां जाना चाह रही हैं। उन्होंजने कहा कि मैंने सभी से कहा था कि वह सुरक्षित नहीं है। सरबजीत पर हमला पहले से सोची समझी शाजिस थी। उसे मारने की कोशिश की जा रही है। उन्होंजने कहाए श्हम आज ही पाकिस्ता न जाना चाहते हैं। हमें आज ही वीजा मिलना चाहिए।श् वह काफी सदमे में हैं और उनकी तबीयत भी बिगड़ गई है। अमृतसर में उनका इलाज चल रहा है। सरबजीत पर हमले से उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर और बेटी पूनमदीप कौर का रो.रोकर बुरा हाल है। पूनमदीप ने कहा है कि सरकार ने मेरे पिता के समुचित इलाज कराने की व्यवस्था नहीं कि तो मैं आत्महत्या कर लूंगी ।

भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारी देर रात जिन्ना हॉस्पिटल के आईसीयू में सरबजीत को देखने पहुंचे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी लाहौर स्थित जिन्ना हॉस्पिटल के आईसीयू में रात दो बजे सरबजीत को देखने पहुंचे। सरबजीत की देखभाल कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि वह वेंटिलेटर पर कोमा में हैं और उन्हें आईवी ड्रिप दी जा रही है। इस हमले के बाद पाकिस्ता नी अधिकारियों का कहना है कि उसके इलाज के लिए डॉक्टडरों की विशेष टीम बनाई गई है।

सूत्रों के मुताबिक़ मिली जानकारी से यह पता चला है कि 6 कैदियों ने सरबजीत सिंह पर ईंटों और ब्लेड से हमला किया और उनकी बहुत पिटाई भी की। पिटाई में सरबजीत बुरी तरह घायल हो गया। उनके सिर में काफी गहरी चोट लगी है। सरबजीत पर हमला करने वाले दोनों कैदियों को मौत की सजा मिली हुई है। दोनों कैदियों से पूछताछ की जा रही है जिससे कि हमले की वजह का पता लगाया जा सके। डॉक्टहरों के मुताबिक जब मरीज को उनके पास लाया गया था तो उसके सिर पर गहरे जख्मड थे और वह बेहोशी की हालत में था। रात आठ बजे के करीब उसे होश आया थाए लेकिन कुछ देर बाद वह कोमा में चला गया। डॉक्ट रों का कहना है कि सरबजीत सिंह के सिर से बहुत अधिक खून बह गया है। ऐसे में कोमा से बाहर आए बिना सर्जरी नहीं की जा सकती।

लखपत जेल में सरबजीत दूसरा ऐसा भारतीय कैदी हैए जिस पर हमला हुआ है। इसी साल 15 जनवरी को चमेल सिंह नाम के एक भारतीय कैदी की रहस्य मयी परिस्थिति में मौत हो गई थी। चमेल सिंह जम्मून का रहने वाला था। 2008 में वह गलती से सीमा पार चला गया था। पाकिस्ता न की स्थाकनीय मीडिया में कहा गया है कि जेल में चमेल सिंह को इतना टॉर्चर किया गया था कि उसने दम ही तोड़ दिया। डेढ़ माह तक शव मॉर्चरी में रखा रहा। उसकी किडनी तक निकाल ली गई थी। लेकिन पंजाब जेल विभाग ने ऐसी खबरों को बकवास करार दिया था।

अफजल की फांसी के बाद से ही पाकिस्ता न में सरबजीत सिंह की मौत की मांग बढ़ गई थी। पाकिस्ताफन के एक बड़े तबके का मानना है कि यदि भारत कसाब और अफजल को फांसी की सजा दे सकता है तो फिर पाकिस्ता न ने क्यों सरबजीत सिंह को जिंदा रखा है। उस पर हुए हमले को इस सोच और धमकी से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। पिछले साल सितंबर में सरबजीत सिंह ने अपनी बहन और मां को एक पत्र लिखा थजिसमें पाकिस्तारन की जेल के अधीक्षक पर धीमा जहर देकर मारने की कोशिश और मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया था। कुछ साल पहले सरबजीत ने एक चिट्ठी लिख कर घरवालों को बताया था कि जेल में उसे सफाईकर्मियों से गालियां दिलवाई जाती हैं और सही खानाए इलाज तक नहीं दिया जाता है।

कुछ दिन पहले भी आमिर आफताब नाम के एक कैदी ने सरबजीत पर हमले की कोशिश की थी। जेल अधिकारियों ने तब इस पर ध्यान नहीं दिया था और न ही इसका कारण पता किया गया। मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने कहा है कि यह सरबजीत को जेल में मरवाने की साजिश हैए ताकि उसे रिहा नहीं करना पड़े। उसकी उम्रकैद की अवधि निकल चुकी है। इसके बाद उसे फांसी नहीं दी जा सकती।

कांग्रेस और बीजेपी समेत सभी पार्टियों ने सरबजीत पर हमले की कड़ी निंदा की। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि अगर पाक सरकार जेल के भीतर भारतीय कैदियों को सुरक्षा देने में नाकाम है तो इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जेल के भीतर सरबजीत को जान से मारने की कोशिश से साफ हो गया कि पाकिस्तान एक आतंकवादी राष्ट्र है। वीएचपी ने भी सरबजीत सिंह पर जेल के भीतर हुए हमले की निंदा की। वीएचपी ने भारत सरकार से इस मामले पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की है।