पीएम मोदी का अफगानिस्तान दौरा जानिये संबोधन में कही अहम बातें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की रूस यात्रा खत्म करके शुक्रवार को एक दिवसीय दौरे पर अफगानिस्तान पहुंचे। काबुल में उन्होंने अफगानिस्तान की संसद की नई इमारत का उद्घाटन किया, जिसे भारत की मदद से बनाया गया है।

इमारत का उद्घाटन करने के बाद पीएम ने अफगान संसद को संबोधित भी किया। PM मोदी ने कहा कि ये इमारत भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती का प्रतीक है। पीएम मोदी ने अफगान संसद में कई अहम बातें कहीं।

काबुल में हुआ वेलकम
काबुल एयरपोर्ट पर शुक्रवार तड़के अफगानिस्तान के एनएसए हनीफ अत्मर और उप विदेश मंत्री हेकमत करजई ने पीएम मोदी का वेलकम किया। यहां पहुंचने पर मोदी ने कहा, “काबुल में दोस्तों के बीच पहुंचकर खुश हूं। राष्ट्रपति अशरफ गनी, चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से मिलूंगा।”
अटल बिहारी वाजपेयी का पुराना सपना
मोदी ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 11 साल पहले अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिज करजई के साथ पार्टनरशिप में इस प्रोजेक्ट का सपना देखा था, जो अब जाकर साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी के जन्मदिन पर अफगानिस्तान की संसद का उद्घाटन करना काफी अहम है और इस काम के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन से खास कोई और दिन नहीं हो सकता था।

अफगान पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग में एक ब्लॉक अटलजी के नाम पर

ज्वाइंट सेशन को ऐड्रेस करने से पहले पीएम मोदी ने अफगान प्रेसिडेंट अशरफ गनी से मुलाकात की। फिर अफगान पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग का इनॉगरेशन किया। बता दें कि पार्लियामेंट की यह बिल्डिंग भारत ने बनवाई है। इसमें एक ब्लॉक अटलजी के नाम पर रखा गया है।

दोस्ती की प्रतीक नई संसद
भारत ने अफगानिस्तान की संसद को बनाने में मदद की है। मोदी ने कहा कि ये इमारत दोनों देशों की दोस्ती का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत, अफगानिस्तान का हमदर्द है और हमेशा उसकी मदद के लिए तत्पर रहेगा। मोदी ने कहा कि भारत और अफगान के हर नागरिक के दिल में एक-दूसरे के लिए बेहद प्यार है। भारत-अफगान स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास साझा है।

आतंक के खात्मे से होगा विकास
मोदी ने अफगानिस्तान की संसद में भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान के विकास के रास्ते में बाधा बन रहा है। उन्होंने कहा, ‘बुलेट को बैलेट से हराना होगा। आतंक के खात्मे से ही अफगानिस्तान का विकास होगा. अपनी आवाज को नहीं, शब्दों को बुलंद करें। फूलों को पनपने में बारिश मदद करती है, तूफान नहीं। पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति से पूरे क्षेत्र की तरक्की होगी। लोगों की अपेक्षा पूरी करेगी ये संसद मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान लोकतंत्र मजबूत हो रहा है और संसद इसमें बड़ी भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि ये अफगानिस्तान के लोगों की अपेक्षाएं पूरी करेगी।
मदद का भरोसा
मोदी ने इस बात का भरोसा दिलाया कि भारत हमेशा अफगानिस्तान की मदद करेगा। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि भारत की तरफ से शहीद अफगान सुरक्षाबलों के 500 बच्चों को स्कॉलरशिप दी जाएगी। नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जब आपने नई सदी में नए सफर की शुरुआत की, तो हमें आपके साथ खड़े रहने और आपके कदम से कदम मिलाने में गर्व महसूस हुआ। हमारी पार्टनरशिप से ग्रामीण लोगों को स्कूल, सिंचाई की सुविधा, हेल्थ केयर सेंटर और महिलाओं को अवसर मिले हैं।

पाक पर साधा निशाना
एक दिन के दौरे पर अफगानिस्तान पहुंचे पीएम मोदी ने अफगान संसद में पाकिस्तान पर निशाना साधा है। मोदी ने संसद के ज्वाइंट सेशन को शुक्रवार को एेड्रेस किया। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा- कुछ लोग भारत-अफगानिस्तान की दोस्ती से जलते हैं। इससे पहले मोदी ने अफगान पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग का इनॉगरेशन किया।

रूमी का किया जिक्र
ज्वाइंट सेशन को एेड्रेस करते हुए मोदी ने अफगानिस्तान के सूफी शायर जलालउद्दीन रूमी का जिक्र किया।
मोदी ने कहा- रूमी कहते थे कि अपनी आवाज नहीं, लफ्ज बुलंद करने चाहिए। उन्होंने भारत को अफगानिस्तान का सच्चा हमदर्द बताया।

काबुलीवाला’ को भी याद किया
मोदी ने स्पीच में रवींद्रनाथ टैगोर की मशहूर कहानी ‘काबुलीवाला’ का जिक्र किया।उन्होंने कहा- मुझे उस दिन का इंतजार है कि जब काबुलीवाला एक बार फिर अासानी से सीमाएं पार करके भारतीयों का दिल जीतने आ सकेगा।

याद दिलाई फिल्म ‘जंजीर’ के शेरखान की दोस्ती
पीएम मोदी ने स्पीच में फिल्म ‘जंजीर’ के पठान कैरेक्टर शेरखान का भी जिक्र किया।कहा- आपकी दोस्ती हमारे लिए सम्मान की बात है। इसे हिंदी सिनेमा के मोस्ट फेमस पठान कैरेक्टर शेरखान के तौर पर भी याद किया जाता है। शेरखान कहता है- “यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी”

अफगान शहीदों के बच्चों को स्कॉलरशिप का एलान
मोदी ने इस दौरान अफगान सिक्युरिटी फोर्स के शहीद सैनिकों के बच्चों को 500 स्कॉलरशिप देने का भी एलान किया।
इसके अलावा भारत की ओर से पहले से दी जा रही 1000 स्कॉलरशिप जारी रहेगी।