कोलकाता टेस्ट में सचिन तेंदुलकर को उनके साथियों ने दिया जीत का तोहफा

Like this content? Keep in touch through Facebook

kolkata matchमोहम्मद समी की पदार्पण करते हुए ईडन गार्डन्स मैदान पर रिकॉर्ड प्रदर्शन (9 विकेट) की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम ने पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन ही वेस्टइंडीज

को पारी और 51 रनों के भारी अंतर से हरकार सचिन तेंदुलकर को उनके साथियों ने जीत का तोहफा दिया है।  

 

भारतीय गेंदबाजी इतनी कसी हुई और धारदार थी कि वेस्टइंडीज का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं बना सका। डारेन ब्रावो ने सर्वाधिक 37 रनों की पारी खेली। शिवनारायण चंद्रपाल 31 रन बनाकर नाबाद रहे। वेस्टइंडीज को पहला झटका क्रिस गेल के रूप में लगा। सात चौकों की सहायता से 33 रन बनाने के बाद गेल को भुवनेश्वर कुमार ने विराट कोहली के हाथों लपकवाया।

मैंच को देख ऐसा लगने लगा था कि रोहित आसानी से अपना दोहरा शतक पूरा कर लेंगे लेकिन अम्पायर के एक गलत फैसले ने उन्हें तथा दर्शकों को निराश कर दिया। रोहित 177 रन बनाकर पवेलियन लौटे। रोहित वीरासैमी परमॉल की गेंद पर पगबाधा हुए। वह अपने खिलाफ दिए गए फैसले से नाराज थे क्योंकि वीरासैमी परमॉल की गेंद ऑफ स्टम्प के बाहर गिरी थी और दाएं हाथ के बल्लेबाज रोहित से दूर जा रही थी।  

गेंद जिस तरह से पैड पर टकराई थी, उससे साफ था कि वह ऑफ स्टम्प से नहीं टकराती. रोहित इस फैसले के बाद कुछ पल के लिए विकेट पर रुके रहे और फिर भारी कदमों के साथ पवेलियन की राह ली। रास्ते में वे कुछ बुदबुदा रहे थे। जाहिर था कि वह अम्पायर के फैसले से बेहद नाराज थे।

रोहित सिर्फ 23 रनों के अंतर से उन पांच खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं हो सके, जो पदार्पण टेस्ट में शतक लगा चुके हैं। इस क्लब में इंग्लैंड के आरई फोस्टर, वेस्टइंडीज के लॉरेंस रो, श्रीलंका के ब्रेंडन कुरुप्पू, न्यूजीलैंड के एमएस सिंक्लेयर और दक्षिण अफ्रीका के जैक्स रुडॉल्फ शामिल हैं।

हालाँकि, इस जीत के साथ भारत ने दो मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली है। ईडन में अपना अंतिम टेस्ट खेल रहे सचिन तेंदुलकर खुश कर दिया। उल्लेखनीय है कि सचिन 14 नवंबर से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम मे होने वाले श्रृंखला के दूसरे टेस्ट मैच के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे। वह सचिन के करियर का 200वां टेस्ट होगा।