युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं के लिए अच्छी खबर

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नई दिल्ली : 1962, 1965 और 1971 के युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं के लिए सरकार ने बहुत बड़ा ऐलान किया है। सीएम प्रकाश सिंह बादल ने जंगी विधवाओं या कानूनी वारिसों को पचास लाख रुपये की विशेष ग्रांट-इन-एड देने का एलान किया है।

यह ग्रांट 1965 व 1971 के भारत-पाक युद्ध और 1962 की भारत-चीन जंग में शहीद फौजियों के परिजनों को दी जाएगी। काफी दिनों से जंगी विधवाएं और परिजन सीएम आवास के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं।

सीएम कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि 1975 में एक नीति बनाकर 1500 जंगी विधवाओं से आवेदन भरवाए गए थे। इन्हें ग्रामीण इलाकों में दस एकड़ खेती योग्य जमीन या उसकी कीमत के बदले नकद राशि दी गई थी।

हालांकि करीब सौ लोग ऐसे थे, जो निर्धारित समय में आवेदन नहीं कर सके थे। फिर चार जनवरी-2010 तक तारीख बढ़ाई गई तो सौ आवेदन आए थे।
हर छिमाही पर दी जाएगी ये ग्रांट

प्रवक्ता ने कहा कि खेती योग्य जमीन अदालती सुनवाई अधीन होने या नाजायज कब्जे होने के कारण जंगी विधवाओं को उनका कब्जा देना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। इसलिए सरकार ने जंगी विधवाओं की मांग के मुताबिक सारे मामलों की तसदीक करके उन्हें नकद ग्रांट देने का फैसला किया है। यह ग्रांट हर छमाही पर बीस, 15 व 15 लाख रुपये के रूप में दी जाएगी।

सीएम ने इसे मंजूरी देते हुए कहा कि वह देश की आन व शान की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का एक तुच्छ सा यत्न कर रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंध में औपचारिक गजट नोटिफिकेशन कैबिनेट की मंजूरी के बाद जारी किया जाएगा। सैनिक भलाई डायरेक्टर जंगी विधवाओं या कानूनी वारिसों को उनके गांव में जाकर ग्रांट देंगे, ताकि उन्हें दिक्कत न आए।