आज पाँच जून है। इस दिन को सन 1974 से हम अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। विश्व के कोने कोने में आज पर्यावरण बचाने के लिए रैलियों और संगोष्ठी का आयोजन होगा। कई जगह वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया जाएगा। कार्बन उत्सर्जन कम करने से...
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भूख से उपजी भुखमरी और इन दोनों से विवश हो जब कोई व्यक्ति भिखारी बन जाता है, तो वह व्यक्ति समाज के लिए अभिशाप बन जाता है और उसे सामाजिक समस्या करार दिया जाता है। सन् 2000 में ये अनुमान लगाया गया था कि 2010 के बाद दुनियां में...
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भारत वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि को माना जाता है और कृषकों की मुख्य आय का साधन खेती है। लेकिन आत्म निर्भर कृषि प्रधान देश मात्र अब कर्जदार देश बनकर रह गया है। इन दिनों किसानों की मुसीबतें कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं।...
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कश्मीर भारतीय उपमहाद्वीप का एक हिस्सा है जिसके अलग-अलग भागों पर भारत तथा पाकिस्तान का अधिपत्य है । भारतीय कश्मीर जम्मू और कश्मीर प्रान्त का एक खण्ड है । पाकिस्तान इस पर भारत का अधिकार नहीं मानता और इसे अधिकृत करना चाहता है । कश्मीर एक मुस्लिमबहुल प्रदेश है। आज...
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2018चला गया और 2019 आ गया। लेकिन वह क्या चीज है जो एक सेंकेंड को दूसरे से, एक दिन को दूसरे दिन से और एक साल को दूसरे साल से अलग करती है। कुछ नहीं! वक़्त बिना जोड़ का एक ऐसा धागा है जो अनंत तक पसरा हुआ है। वे...
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यद्यपि भारत में प्राचीन काल से ही विधि की सर्वोच्चता रही है। सुदृढ़ गुप्तचर सेवा की सहायता से कानून को दूरस्त रखने की परम्परा भी बहुत पहले से चली आ रही है। दोषी व्यक्तियों को दण्ड का विधान भी भारतीय कानून व्यवस्था में पुलिस की छवि बर्बरता व प्रताड़ना...
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विज्ञान और प्रौद्योगिकी की कोख से ही नई भोगवादी सभ्यता का जन्म हुआ है, उसने जीवन और प्रकृति के प्रति मानव – दृष्टिकोण में एक बुनियादी परिवर्तन कर दिया है। प्रकृति के साथ व्यवहार करने का हमारा जो रिश्ता था वह बिल्कुल बदल गया है। अब प्रकृति मानव –...
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इंसान जब पैदा होता है तो उसके पास केवल पेट और मुंह नहीं बल्कि उसके पास दो हाथ भी होता है। अगर उसके हाथ को सम्मानित काम मिले तो ही देश प्रगति कर सकता है वरना सारी बातें केवल बातें हैं। इसी काम की तलाश में बिहारियों और उत्तर...
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युग पर युग बदले, सोच-विचार बदले, समय ने करवट ली, विकास और तरक्की आसमां छूने लगे, नदी, नाले, खेत खलियान सभी बदल गये। बस नहीं बदली तो नारी की तकदीर।
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भ्रष्टाचार ने जिस प्रकार से हमारी पूरी व्यवस्था को जकड़ लिया है और यह पूरी राजनीतिक प्रणाली में ऊपर से लेकर नीचे तक जम गया है इससे उबरने का इन्तजाम यदि वर्तमान राजनीतिज्ञों की पीढ़ी नहीं करेगी तो आने वाली पीढि़या इन्हें कभी माफ नहीं करेंगी और यह इतिहास में...
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