कर्नाटक में कांग्रेस की जीत नहीं चला मोदी का जादू

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Karnataka 2013 State Assembly Electionsकर्नाटक विधानसभा चुनाव में नहीं चला मोदी का जादू। हालांकि राहुल गांधी का भी जादू उतना नहीं चला है, क्योंकि कांग्रेस को जो फायदा मिलता दिख रहा है वह बीजेपी की कलह और सरकार विरोधी लहर का नतीजा ज्यादा माना जा रहा है। बीजेपी से अलग हुए बीएस येदियुरप्पाह इस मामले में अपनी जीत मान सकते हैं, क्योंकि बीजेपी की हार का उनका लक्ष्यह पूरा होता लग रहा है।

विधानसभा चुनाव के रुझानों ने यह बात साफ कर दिया है कि

कर्नाटक में बीजेपी और येदयुरप्पा का एक.दूसरे से अलग कोई भविष्य नहीं है। येदयुरप्पा को छोड़कर न बीजेपी कुछ कर सकती है और न बीजेपी से अलग येदयुरप्पा अपनी कोई राजनीतिक हैसियत बना सकते हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना बुधवार सुबह आठ बजे शुरू हुई। शुरुआती रुझान में कांग्रेस ने भाजपा पर अच्छीअ बढ़त बनाई हुई है। रुझान के मुताबिक कर्नाटक में बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी बनती दिख रही है। सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस और उससे कम दूसरे नंबर पर जेडी (JD) एस को मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस खेमे में जश्न शुरू हो गया है। शुरुआती पांच नतीजे उसी के पक्ष में गए हैं।

कर्नाटक में मुंह की खाने के बाद अब बीजेपी का दावा है कि राज्ये में जो परिणाम हमारे लिए आए हैं, वही लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस के लिए आएंगे। हालांकि, जेडीयू नेता देवेश ठाकुर कहते हैं कि कर्नाटक में कोई चौंकाने वाले रिजल्ट नहीं आए हैं। भाजपा के लिए दिल्लीड का रास्ता आसान नहीं है।

राज्य में मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जद;एसद्ध के बीच है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली कर्नाटक जनता पार्टी की मौजूदगी ने सभी दलों की मुश्किल बढ़ा दी है।

पिछली विधानसभा में भाजपा के 110 विधायक थे और यह संख्या बहुमत से तीन कम थी। पार्टी पांच निर्दलीय उम्मीदवारों के बल पर राज्य में सरकार चला रही थी जिन्हें मंत्रालय में शामिल किया गया था। कांग्रेस के पास 80 और जद;एसद्ध के पास 28 सीटें थीं।

केंद्रीय मंत्री नारायण सामी ने सोनिया गांधीए राहुल गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जीत का श्रेय दिया। वहीं, बीजेपी के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम अपनी हार स्वीकार करते हैं। कांग्रेसी नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि कर्नाटक के परिणामों का असर 2014 के चुनाव पर भी पड़ेगा और हम जरूर जीतेंगे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ भाजपा जल्दीव ही संसदीय दल की एक बैठक बुला सकती है। इसमें मोदी नहीं रहेंगे। कर्नाटक में मोदी का जादू नहीं चलने के कारण पार्टी के एक खेमे में जहां खुशी का माहौल है बना हुआ है तो वहीं दूसरी ओर मोदी समर्थकों में निराशा दिखाई दे रही है।

इस समय बीजेपी की हालत बुरी है। पार्टी के राज्य में सबसे कद्दावर नेताओं में से एक, सदानंद गौड़ा को कांग्रेस ने हरा दिया है। मंगलोर में प्रचार करने गए मोदी की अपील भी मतदाताओं ने ठुकरा दी है। वहां से भी बीजेपी उम्मीपदवार हार गए हैं।

दक्षिण भारत में भाजपा की अब तक की पहली सरकार पिछले विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में बनी थी, इसीलिए यह राज्य पार्टी के लिए खास महत्व रखता है। लेकिन चुनाव अनुमानों के मुताबिक, संकट में घिरी भाजपा की स्थिति डांवाडोल है जबकि विपक्षी कांग्रेस के मजबूती के साथ उभरने की संभावना है।