अखिलेश यादव ने शुरू की 102 एम्बुलेंस सेवाएं, कहा हम काम में आगे मैनेजमेंट में पीछे है

Like this content? Keep in touch through Facebook

abulnceलखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास कालीदास मार्ग से 102 – एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाकर उसे प्रदेश की जनता को सुपुर्द कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही जगह है जहाँ से हमलोगो ने 108 समाजवादी एम्बुलेंस कि शुरुवात की थी। जिसकी सेवा से पुरे उत्तर प्रदेश में तमाम गरीबो को लाभ मिला है। मगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आज समाजवादी पार्टी काम और विकास में सबसे आगे है मगर हम प्रचार में पीछे है। आने वाला वक़्त मैनेजमेंट का है और उसे हम समाजवादी पार्टी के लोगो को सीखना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने इस 102 – एम्बुलेंस सेवा का शुभारम्भ करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा पहले से चलाई जा रही 108 एम्बुलेंस सेवा का लाभ आज बड़े पैमाने पर लोग उठा रहे है। 108 एम्बुलेंस ने बड़ी मात्रा में लोगो की जान बचाई है। और इससे लगातार लाभ मिला है ग्रामीण क्षेत्रो में आज भी किसान और ग्रामीण तारीफ़ कर रहे है। और कहते है कि कम समय में तुरंत ये एम्बुलेंस उपलब्ध हो जाता है। मगर मीडिया ने इसको भी लेकर खबर दिखाई कि बड़ी संख्या में एम्बुलेंस धुल खा रही है मगर धुल क्यों खा रही है आप ये बेहतर जानते है।

हम प्रचार में पीछे है :

इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी सरकार की तमाम योजनाओं की उपलब्धि है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की जो उपलब्धियां है उसमे सबसे महत्वपूर्ण 108 एम्बुलेंस की उपलब्धि है। और अब आज से जो 102 एम्बुलेंस सेवा भी जुड़ने जा रही है। जो 108 की तरह निःशुल्क है उससे भी माँ और बच्चो को मदद होगी और सेवा होगी। यह एम्बुलेंस केवल अस्पाताल में मरीज को एडमिट ही नहीं बल्कि घर तक भी पहुंचाने का काम करेगी। तीस दिन तक बच्चे और माँ की इसी एम्बुलेंस से मदद मिलेगी। इस योजना से जहा लोगो को मदद मिल रही है वही इस योजना से रोजगार भी मिल रहे है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार विकास के रास्ते पर उत्तर प्रदेश को ले जाने का काम कर रही है। समाजवादी पार्टी लगातार इस प्रयास में है कि उत्तरप्रदेश में जो योजना रुकी पड़ी है उनको चालू कर सके। और ऐसे कार्यक्रम बने जिससे सीधे सीधे जनता को लाभ मिल सके। समाजवादी पार्टी बिना भेदभाव के काम कर रही है। मगर हम समाजवादी लोग अच्छा भी काम करते है तो बहुत सारे लोग उसमे बुराई ढूंढ लाते है। हमारी अच्छाई केवल एक दिन चलती है जिस दिन अच्छा काम होता है। इसलिए हम समाजवादी साथियों को कुछ मैनेजमेंट करना पडेगा। समाजवादी पार्टी लगातार विकास के रास्ते पर जा रही है। यहाँ हम विधायक निधि से मदद कर रहे है पूरी दवाई फ्री है, एम्बुलेंस फ्री है और अब एक्सरे भी फ्री, कितने ईएससी, कितने पीएससी इक्कठे शुरू किये हम लोगो ने बनाना। तो जहां सेवा में की जरुरत है, अस्प्तालों में गम्भीर बिमारी के लिए दवाई भी मुफ्त है, एक जिले में जहा हमने मेडिकल कॉलेज बनवाया। उसकी तश्वीर भी अखबार में निकली, मगर वहाँ के लोगो को भी नहीं पता कि उनके शहर का ये मेडिकल कॉलेज है, तो हमलोग काम में आगे है विकास में आगे मगर प्रचार में पीछे है।  

अखिलेश यादव सपा सरकार द्वारा किये गए कामो की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि लैपटॉप इतने बड़े पैमाने पर दिया जिसे कई प्रदेश पांच साल में भी नहीं दे पाएंगे। विद्याधन कही नहीं चल रही है, बेरोजगारी भत्ता इतने बड़े पैमाने पर कही नहीं है, अल्पसंख्यक बेटियों की मदद कहीं पर नहीं हो रही है। इतने बड़े पैमाने पर काम हो रहा है मगर इसकी जानकारी बहुत कम लोगो को है, अब हमारे कुछ लोग ना जाने तो उसके लिए हम क्या कर सकते है, हम काम में आगे है मगर प्रचार में पीछे है। हमलोग काम तो करते है मगर प्रचार में चुक जाते है इसलिए आनेवाले वक़्त में मैनेजमेंट का जमाना है और मैनेजमेंट हमलोगो को सीखना होगा।             

कैसे करेगा 102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा :

प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रो में यह सेवा उपलब्ध कराई जायेगी। जननी सुरक्षा योजना एवं जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती महिलाओ एवं बीमार शिशुओं को पास के अस्पाताल तक पहुंचाएगा और उसे वापस घर भी छोड़ेगा। पहले चरण में वर्त्तमान में विभाग द्वारा संचालित 972 एम्बुलेंस और दूसरे चरण में एक हज़ार अतिरिक्त एम्बुलेंस यानि कुल 1972 एम्बुलेंस को 102 सेंट्रलाइज्ड काल सेंटर से जोड़ा जाएगा। कॉल सेंटर पर पहली रिंग बजने के साथ बीस सेकेण्ड के भीतर फोन को रिसीव करने के बाद तीन मिनट के अंदर सम्बंधित क्षेत्र के एम्बुलेंस को रवाना कर दिया जाएगा।

साथ ही मरीज के घर से आये कॉल सेंटर में कॉल के आधार पर उस क्षेत्र से सम्बंधित अस्प्ताल को भी सूचित कर दिया जाएगा ताकि मरीज के अस्पताल पहुँचाने पर उसे तुरंत चिकित्सा की सुविधा शुरू की जा सके। शहरी क्षेत्रो में इसकी सेवा कॉल करने के करीब बीस मिनट में मिलेगी तो ग्रामीण क्षेत्रो में यह सेवा तीस मिनट के भीतर उपलब्ध होगी। इमरजेंसी कॉल सेंटर में इंटीग्रेटेड कम्प्यूटर टेक्नोलोजी, वायस लोगर सिस्टम से समस्त कॉल रिकार्ड भी किया जाएगा। इस योजना से हर साल अनुमानतः साठ लाख प्रसूताओं एवं इतने ही नवजात शिशुओं को लाभ प्राप्त होगा।साथ ही प्रदेश के सभी 75 जिलों में एवं जिलो के सभी ब्लाकों में यह एम्बुलेंस उपलब्ध होगी।

क्या है 108 एम्बुलेंस सेवा का हाल ये भी देख लीजिये :

मगर पहले से चल रहे प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा का क्या हाल है, हम आपको ये भी दिखाते है कि कैसे सुदूर गांवो में इस एम्बुलेंस की सेवा ली जाती है। कुछ महीने पहले कन्नौज में 108 एम्बुलेंस की सेवा मरीजो को ढोने में कम बल्कि सवारी ढोने में ज्यादा हो रही थी। और ये हाल था खुद अखिलेश यादव के पत्नी डिम्पल यादव के संसदीय क्षेत्र में। कन्नौज के डीएम डॉ रुपेश कुमार को काफी दिनों से ये शिकायत मिल रही थी कि 108 राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ सेवा एम्बुलेंस का इस्तेमाल मरीज को ढोने के बजाय स्टेसन पर स्वास्थ विभाग के अधिकारिओ और कर्मचारियो को ढोने में किया जा रहा है। जिसको लेकर सदर के तहसीलदार ने रेलवे स्टेसन पर छापा मार कर तीन एम्बुलेंस को उस समय पकड़ा जब उसमे स्वास्थ विभाग के अधिकारी और कर्मचारीयो को बैठाया जा रहा था।
 
एम्बुलेंस के ड्राइवर अरुण कुमार ने बताया कि उसे डिप्टी सीएमो डॉ ए के जातव ने आदेश दिया था कि वह रोज रेलवे स्टेसन पर एम्बुलेंस लाकर उनको और उनके सहयोगियो को अस्पताल छोड़ेगा और ड्यूटी ख़त्म होने के बाद स्टेसन छोड़ेगा। उधर स्टेसन परिसर के स्थानीय लोगो की माने तो पिछले कुछ महीनो से सुबह आठ बजे एम्बुलेंस स्टेसन परिसर में आकर लग जाता है, और करीब दस बजे सवारी भर कर ये एम्बुलेंस यहाँ से निकलता है, फिर शाम को टीम एम्बुलेंस भरकर सवारी आती है, जिसको यहाँ छोड़ने के बाद एम्बुलेंस यहाँ से निकल जाती है। जब इस पुरे मसले पर जनपद के सीएमो डॉ पी एन बाजपेई से मीडिया ने बात की थी तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा था कि हम इस पुरे मामले की जांच करवाएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे।
    
सरकारी अस्पताल के एक मरीज के परिजन ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गरीब मरीजो और गर्भवती महिलाओं को समय से अस्पताल पहुँचाया जा सके, और उनका उपचार तुरंत हो सके इसके लिए 108 जैसी महत्वपूर्ण एम्बुलेंस सेवा शुरू की गयी थी, मगर यह सरकारी अस्पतालों के अधिकारिओ और कर्मचारियो की सेवा तक सिमित हो गया है, कई मरीजो के परिजनों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपने मरीज को ले जाने के लिए एम्बुलेंस की सहायता मांगी तो जबाब मिला की अभी एम्बुलेंस खाली नहीं है, मगर आज समझ में आ रहा है कि आखिर एम्बुलेंस का इस्तेमाल कहा हो रहा है। अब इस सेवा का लाभ लोगो को सही मायने में मिले इसको लेकर मुख्यमंत्री को विशेष ध्यान देना होगा।