रेडियो के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी मन की बात

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नई दिल्ली : आम तौर पर सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात जनता तक पहुंचाने वाले प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को रेडियो के जरिए आम जनता से मुखातिब हुए। ‘मन की बात’ नाम के इस कार्यक्रम का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो पर सुबह 11 बजे से हुआ। मोदी के भाषण का 24 भाषाओं में अनुवाद भी हुआ। ऑल इंडिया रेडियो के कुल 413 स्टशेनों ने पीएम के कार्यक्रम को प्रसारित किया। दूरदर्शन पर भी इसका प्रसारण हुआ।

रेडियो के जरिये समय-समय पर लोगों से सम्पर्क करने का वादा करते हुए मोदी ने नागरिकों से सुझाव मांगे। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें काफी संख्या में सुझाव मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह रेडियो पर ‘मन की बात’ में इसका जिक्र करेंगे।

करीब 15 मिनट के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह सवा सौ करोड़ लोगों की बात करते हैं तब उनका आशय खुद की शक्ति को पहचानने और मिलकर काम करने से होता है। हम विश्व के अजोड़ लोग हैं। हम मंगल पर कितने कम खर्च में पहुंचे। हम अपनी शक्ति को भूल रहे हैं। इसे पहचानने की जरूरत है। लोगों से निराशा त्यागने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा कहना है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों में अपार सामर्थ्य है। इसे पहचानने की जरूरत है। इसकी सही पहचान कर अगर हम चलेंगे, तब हम विजयी होंगे। सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य और शक्ति से हम आगे बढ़ेंगे।

प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में स्वामी विवेकानंद की एक कथा का जिक्र किया, जिसमें भेड़ों के बीच पले बढ़े, शेर के एक बच्चे के एक अन्य शेर के सम्पर्क में आने पर अपनी ताकत फिर से पहचानने के बारे में बताया गया है। मोदी ने कहा, अगर हम आत्म-सम्मान और सही पहचान के साथ आगे बढ़ेंगे, तब हम विजयी होंगे।

इसी के साथ आकाशवाणी पर अपने संबोधन ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने एक और कथा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक बार एक राहगीर एक स्थान पर बैठ कर आते जाते लोगों से रास्ता पूछ रहा था। उसने कई लोगों से रास्ता पूछा। इस पूरी घटना को दूर बैठे एक सज्जन देख रहे थे। कुछ देर बार राहगीर ने खड़े होकर एक व्यक्ति से रास्ता पूछा। इसके बाद वह सज्जन उसके पास आए और उसे रास्ता बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, राहगीर ने उस सज्जन से कहा कि आप इतने समय से मुझे रास्ता पूछता देख रहे थे, लेकिन क्यों नहीं बताया। तब उस सज्जन ने कहा कि इससे पहले तुम बैठकर रास्ता पूछ रहे थे और मुझे लगा कि तुम यूं ही रास्ता पूछ रहे हो। लेकिन जब तुम उठ खड़े हुए तब मुझे लगा कि वास्तव में अपनी राह जाना चाहते हो।

प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा कहना है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों में अपार सामर्थ्य है। इसे पहचानने की जरूरत है। इसकी सही पहचान कर अगर हम चलेंगे, तब हम विजयी होंगे। सवा सौ करोड़ देशवासियों के सामर्थ्य और शक्ति से हम आगे बढ़ेंगे।

महात्मा गांधी को प्रिय ‘खादी’ का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, आपके परिधान में अनेक प्रकार के वस्त्र होते हैं, कई तरह के फैब्रिक्स होते हैं। इसमें से एक वस्त्र खादी का क्यों नहीं हो सकता? मैं आपसे खादीधारी बनने को नहीं कह रहा हूं, लेकिन आपसे आग्रहपूर्वक कह रहा हूं कि आपके वस्त्र में कम से कम एक तो खादी का हो। भले ही अंगवस्त्र हो, रूमाल हो, बैडशीट हो, तकिये का कवर या फिर और कुछ..’’ उन्होंने कहा, अगर आप खादी का कोई वस्त्र खरीदते हैं तो गरीब का भला होता है। इन दिनों 2 अक्तूबर से खादी वस्त्रों पर छूट होती है। इसे आग्रहपूर्वक करें और आप पाएंगे कि गरीबों से आपका कैसा जुड़ा होता है।

आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, देश के सवा सौ करोड़ लोगों में असीम कौशल है। जरूरत इस बात की है कि हम इसे पहचानें। प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में उन्हें ई-मेल से मिले एक सुझाव का जिक्र किया जिसमें उनसे कौशल विकास पर ध्यान देने का आग्रह किया गया था। मोदी ने कहा, यह देश सभी लोगों का है, केवल सरकार का नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने लघु उद्योगों की पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव दिया है। इनका सुझाव है कि बच्चों के लिए स्कूलों में पांचवीं कक्षा से कौशल विकास का कार्यक्रम होना चाहिए ताकि जब वे पढ़ाई खत्म करके निकलें तब अपने हुनर की बदौलत रोजगार प्राप्त कर सकें।

मोदी ने कहा कि उन्हें प्रत्येक एक किलोमीटर पर कूड़ेदान लगाने, पॉलीथीन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव भी मिले।
आकाशवाणी के फिर से उठ खड़े होने की उम्मीटद

मोदी अब नियमित तौर पर रविवार को रेडियो के जरिए लोगों से संवाद करेंगे। उनके इस फैसले से आकाशवाणी को अपनी रिब्रांडिंग होने की उम्मीद है। बता दें कि पहले दूरदर्शन, फिर प्राइवेट टीवी चैनलों और बाद में प्राइवेट एफएम रेडियो ने इस सरकारी रेडियो ब्रॉडकास्टर को हाशिये पर धकेल दिया। राजनेता जहां टीवी के जरिये अपनी बात रखना पसंद करते हैं, वहीं रेडियो
एंटरटेनमेंट के नाम पर लोगों ने प्राइवेट एफएम चैनलों से नाता जोड़ लिया है।

एक अधिकारी ने बताया, “ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा चुका है। पीएम की यह बातचीत तकरीबन पूरे देश में सुनी जाएगी।” आकाशवाणी की ब्रांड इमेज भले ही कमजोर हुई हो, फिर भी यह अब भी देश में सबसे ज्यादा एरिया कवर करता है। ऑल इंडिया रेडियो की पहुंच देश की 99.20 फीसदी आबादी तक है। देश के 92.6 फीसदी भूभाग को यह कवर करता है। अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट एफएम चैनल भी एआईआर की फीड प्रसारित कर सकते हैं।

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गरीब के घर में भी रेडियो होता है। रेडियो के जरिए पूरे समाज से जुड़ना चाहता हूं।

मैं कोशिश करूंगा कि महीने में दो बार या एक बार रविवार को 11 बजे आप लोगों से यूं ही बात करूं

मुझे कई लोगों ने लिखा कि स्किल डेवलपमेंट बेहद कम उम्र से शुरू होनी चाहिए। मुझे लोगों का यह सुझाव पसंद आया।

हमारे वैज्ञानिकों ने अपनी क्षमता दिखाई है। मंगल मिशन पर हमें गर्व है।

यह देश सरकार का नहीं है। यह देश हम सबका है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत हम सबको मिलकर देश से गंदगी का कलंक मिटाना होगा। हर देशवासी 9 लोगों को सफाई के लिए प्रेरित करें।

देशवासियों में निराशा के लिए कोई कारण नहीं होना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि निराशा के लिए कोई कारण नहीं होना चाहिए