हिंदू संस्कृति में चरण स्पर्श करना परंपरा ही नहीं, बल्कि आदर का स्वरूप है। वहीं, मनोवैज्ञानिकों का मत है, ‘चरण स्पर्श करने से लक्ष्य को पाने का बल मिलता है।’ लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि केवल उन्हीं के चरण स्पर्श करना चाहिए, जिनके आचरण ठीक हों।...

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