नीतीश ने किया BJP पर वार कहा ‘दुआ जीने की और दवा मरने की’

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nitish kumarJDU औैर BJP की 17 साल पुरानी दोस्ती, दुश्मनी में बदल रही है इससे पहले BJP और JDU में ‘तलाक’ की चर्चाओं के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शायराना अंदाज में BJP और मोदी पर तीखा हमला किया। कटिहार से अपनी दो दिनों की सेवा यात्रा से पटना पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत की। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा, दुआ देते हैं जीने की और दवा देते हैं मरने की,दुश्वारी का सबब यही है।

नरेंद्र मोदी को प्रचार प्रमुख बनाने के बाद BJP और JDU की लड़ाई तब एक कदम और आगे बढ़ गई जब नीतीश सरकार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पटना में रैली के लिए मिलर स्कूल का ग्रांउड देने से मना कर दिया। वहीं भाजपा ने जदयू पर विधायकों को तोडने का आरोप लगाते हुए इसे अलोकतांत्रिक कदम बताया है। पार्टी ने अपने सभी मंत्रियों को 17 जून को पटना में रहने को कहा है।

बिहार BJP के अध्यक्ष मंगल पांडे ने बिहार सरकार के इस रुख पर कड़ी आपत्ति जताई है। पांडे के मुताबिक रैली पटना के मिलर स्कूल के मैदान में होनी थीए लेकिन शिक्षा विभाग से अनुमति नहीं मिली। पांडे ने साथ ही JDU पर BJP के विधायकों को तोड़ने की कोशिश का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कई BJP विधायकों को नीतीश को समर्थन देने को कहा जा रहा है।

जब पण्डे से एक सवाल किया गया तो उसके जवाब में उन्होंने कहा कि जदयू ने ऐसे हालात पैदा कर दिये हैं कि भाजपा के मंत्री दफ्तर नहीं जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि गठबंधन को लेकर उनकी क्या अवधारणा है। उन्होंने कहा कि खुद जदयू की ओर से ऐसे बयान आ रहे हैं जिसमें मंत्रियों का काम करना मुश्किल हो गया है।उन्होंने कहा कि BJP के सभी मंत्रियों को 17 तारीख तक पटना में रहने को कहा गया है।

वाही पलट वार करते हुए शाहनवाज भी बोले पड़े और कहा कि, ‘हम दगा नहीं देते’ ‘हम दुआ भी देते हैं, दवा भी देते हैं। हम जिसे दोस्तं बना लेते हैं उसे दगा नहीं देते।

नीतीश ने कहा कि दोनों दल मौजूदा हालात में आपस में चर्चा करेंगे, जो भी नतीजा निकलेगा बता दिया जाएगा। क्या JDU और BJP की 17 साल पुरानी दोस्ती टूटने वाली है सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘अभी ऐसा बिल्कुल एक बार ही फाइनल स्टेटमेंट नहीं दे सकते हैंए लेकिन जो माहौल इस समय बना हुआ हैं, वह मुश्किल दौर है हमारे लिए। इन कठिन हालात में क्या करना हैए यह फैसला करना है।