निडरता, समानता, प्रेम, वात्सल्य, व्यंग, वास्तविकता, विरोध, समर्थन, निश्चलता और जीवंतता की परिचायक है बाबा नागार्जुन उर्फ वैद्यनाथ मिस्र की कविताएँ। बिहार के विख्यात मधुबनी जिले का तरउनी गांव। गोकुल मिसिर के घर पैदा हुए ठक्कन।ठक्कन महाशय का असल नाम रखा गया बैद्यनाथ मिसिर। प्रारंभिक शिक्षा गांव की पाठशाला...

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उर्दू अदब के अज़ीम अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो की 107वीं सालगिरह 11 मई को मनाई गई। मन्टो 11 मई 1912 को लुधियाना के शहर समराला में पैदा हुए। बाप की सख़्ती और माँ की शफ़क़त में मन्टो की शख़्सियत पनपी। हमेशा मुआशरे की दुखती रग पर हाथ रखने वाले...

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2019 अपना पाँचवाँ महीना के अंतिम पड़ाव पर है और साल का लगभग 45 प्रतिशत समय अब खत्म हो चुका है और इसी कड़ी में हमने कई सारी बॉलीवुड सिनेमा देखा जो कि पर्दे पर धमाल भी मचाया और कई औंधे मुंह गिरी इसी कड़ी में मैं आपके साथ...

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महिला मजदूर समकालीन व्यवस्था में सबसे शोषित मजदूर वर्ग है, चूकि उन्हें महिला होने के कारण, दोहरे शोषण का शिकार बनाया जाता है। जिसका सबसे बड़ा कारण उदारीकरण के बाद की अर्थव्यवस्था है जिसने विश्व बाजार के रास्ते खोल दिये और लोग भौतिक सुख को पाने के लिए विकल...

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