- February 28, 2017
- By Tarkesh Kumar Ojha
- in चुनाव, राजनीति, राजनैतिक मुद्दा, राष्ट्र, सम्पादकीय
देश और जनता की हालत से मैं दुखी हूं। इसलिए आपके बीच आया हूं। अब बस मैं आपकी सेवा करना चाहता हूं… राजनीति से अलग किसी दूसरे क्षेत्र के स्थापित शख्सियत को जब भी मैं ऐसा कहता सुुनता हूं तो उसका भविष्य मेरे सामने नाचने लगता है। मैं समझ...
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