उत्तर प्रदेश में शिक्षकों को पहले ट्रेनिंग, फिर पोस्टिंग

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up-boardयूपी सरकार माध्यमिक स्कूलों में नियुक्त होने वाले नए शिक्षकों की तैनाती प्रक्रिया बदलने जा रही है। नए शिक्षकों को अब पहले एक महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी फिर उन्हें तैनाती मिलेगी। शासन ने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से प्रस्ताव मांग लिया है। सरकार की मंशा है कि नवनियुक्त शिक्षक स्कूल में जाने से पहले विभागीय की रीति-नीति जान लें ताकि उन्हें बाद में किसी तरह की परेशानी न हो।

प्रशिक्षण में शिक्षकों को राष्ट्री य माध्यमिक शिक्षा अभियान की योजनाओं, विभागीय कार्यप्रणाली और स्कूली शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारियां दी जाएंगी। उन्हें यह भी बताया जाएगा कि छात्रों को आसान भाषा में पढ़ाएं, ताकि उनकी समझने की क्षमता में वृद्धि हो। इसी मकसद से तैनाती देने से पहले एक माह का प्रशिक्षण देने की सहमति बनी है। अभी तक शिक्षकों को नियुक्ति के बाद सीधे स्कूलों में तैनाती दे दी जाती है, जिससे उन्हें पढ़ाने में परेशानियां होती हैं।

प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा विभाग जल्द ही 6,645 शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रहा है और मौजूदा समय 1245 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रदेश में मौजूदा समय 1,608 राजकीय और 4,626 सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 1021 राजकीय हाईस्कूल बनाए जा रहे हैं। नए स्कूलों में 10 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्तियां की जानी हैं। इसमें से 6,645 शिक्षकों की भर्ती की मंजूरी मुख्यमंत्री ने दे दी है।

राज्य सरकार सरकारी और सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों की पढ़ाई व्यवस्था सुधारना चाहती है। इसके लिए नवनियुक्त होने वाले शिक्षकों को एक माह का प्रशिक्षण दिए जाने का विचार है। शासन स्तर पर हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है। इसके लिए निदेशालय से प्रस्ताव मांग लिया गया है। जानकारी के मुताबिक नवनियुक्त होने वाले शिक्षकों को पहले विभाग की ओर से एक माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।