प्रधानमंत्री ने बाढ़ से तबाह घरों को दोबारा बनाने के लिए 570 करोड़ रुपये की मदद देने का वादा किया

Like this content? Keep in touch through Facebook

बाढ़ के कहर से उबरने के बाद घाटी में गुरुवार को उम्मीदों की दिवाली मनाई गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर पहुंचे। घाटी में दुखों के सैलाब और उजड़े आशि‍यानों के बीच लोगों की आखों में मदद की आस थी, जिसे पीएम ने भी बखूबी पूरा किया। मोदी ने पीड़ि‍तों के लिए नए पैकेज का ऐलान किया और सैलाब में टूटे मकानों की मरम्मत के लिए 570 करोड़ रुपये देने की घोषणा की।

बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव कोशिश करेगी। पीएम ने कहा कि केंद्र जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी। इस मौके पर मकानों की मरम्मत के लिए 570 करोड़ रुपये की घोषणा के साथ ही मोदी ने राज्य में अस्पताल बनाने के लिए भी 175 करोड़ रुपये की घोषणा की।

इससे पहले माइनस 30 डिग्री में मोदी ने सियाचिन ग्लेशि‍यर पर फौजियों के पर्व की खुशी बांटी। सियाचिन में जवानों से मुलाकात के दौरान पीएम ने कहा कि हमारे सैनिकों की हिम्मत की वजह से ही सवा सौ करोड़ लोग खुशहाल दिवाली मना रहे हैं।

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाढ़ प्रभावित राज्य में राहत एवं पुनर्वास अभियानों की स्थिति के बारे में जानकारी दी। श्रीनगर में हवाई अड्डे पर प्रदेश के राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उनकी अगवानी की।

प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे पर बैठक की जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन के कुछ शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अधिकारियों ने बताया कि उमर ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत व पुनर्वास अभियानों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। उमर ने राज्य में बाढ़ से तबाह हुए क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए केंद्र से उदार वित्तीय सहायता की मांग की।

राज्य में हालिया बाढ़ के बाद मोदी की जम्मू कश्मीर की यह दूसरी यात्रा है। राज्य में प्राकृतिक आपदा आने के बाद सात सितंबर को अपनी पहली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने पीड़ितों के पुनर्वास के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की पेशकश की थी। एयरपोर्ट पर हालात का जायजा लेने के बाद मोदी हेलिकॉप्टर से राजभवन रवाना हो गए। वहां उन्होंने राजनीतिक दलों, व्यापारिक समुदाय और समाज के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की।