जानिए, इस नन्हे कलाकार ने कैसे किया मुंबई की झुग्गी से OSCAR तक का सफ़र तय

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नई दिल्ली : एक इंसान का हुनर उसे किस ऊँचाइयों तक ले जा सकता है ये इस नन्हे कलाकार ने साबित कर दिया है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने छोटे या कितने उम्रदराज हैं, यहाँ बोलता है तो सिर्फ आपका हुनर। एकेडमी अवॉर्ड में शामिल होना किसी भी व्यक्त‍ि के लिए स्पेशल ही होता है। जानिये ,8 साल के सनी पवार के लिए भी यह किसी सपने का सच होने जैसा है। एक गरीब परिवार से आने वाले सनी कैसे पहुंच गए ऑस्कर में..

लॉस एंजेलिस में शुरू हुए 89वें ऑस्कर समारोह में रेड कारपेट पर जब 8 साल के सनी पवार पहुंचे तो सबकी आंखों में चमक आ गई। खूबबसूरत अदाकारों ने उन्हें गले लगाया। 89वें ऑस्कर समारोह में पहुंचने वाले सनी देश और दुनिया के सबसे कम उम्र के कलाकार हैं। सनी अपनी फिल्म ‘लॉयन’ के लिए यहां पहुंचे। वो फिल्म में दरअसल, अपने को-स्टार देव पटेल की बचपन की भूमिका निभा रहे हैं।

सनी पवार ने जिस अंदाज में मीडिया से बात की और कॉन्फ‍िडेंट नजर आए, उसे देखकर यह तो निश्च‍ित तौर पर कहा जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान छोड़ने वाला एक और कलाकार तैयार हो चुका है।

ऑस्कर में शामिल होना किसी भी कलाकार के लिए सम्मान की बात है। 8 साल के इस नन्हें कलाकार ने ऑस्कर का हिस्सा बनकर यह साबित कर दिखाया है कि हुनर और हौसला हो तो किसी भी उम्र में सफलता हासिल की जा सकती है।

 

मुंबई में कलिना के पास एक छोटी सी बस्ती में रहने वाले सनी पवार के पिता दिलीप पवार को जब ये मालूम हुआ कि उनका बेटा हॉलीवुड फिल्म के एक महत्वपूर्ण रोल के लिए चुना गया है तो उनकी आंखें नम हो गईं। वो खुश थे, पर अंदर से डरे हुए भी। सनी ये सब कैसे कर पाएगा, कहीं उसका बचपन तो दाव पर नहीं लग रहा… कई सवाल। पर सनी के सपने को सच होता देख वो खुश भी थे। बड़ी चुनौती और बड़ा मौका।

सनी अक्सर अपनी मां से एक्ट‍िंग की बात करते थे। खासतौर से टीवी पर आने का उनका बड़ा मन करता। पर हर बार सनी की मां वासु यही कह कर समझातीं कि हमारी और उनकी दुनिया बहुत अलग है। वहां पहुंचने का कोई रास्ता हमारे पास नहीं है।

सनी गर्वमेंट एयर इंडिया मॉडर्न स्कूल में पढ़ाई करते हैं और एक उस स्कूल में ‘लॉयन’ की कास्ट‍िंग टीम पहुं। टीम ने कई स्कूल के बच्चों का ऑडिशन लिया, पर सनी पसंद आए।

सनी के पिता हर महीने 10,000 रुपये की सैलरी पाते हैं। फिल्म मिलने के बाद दिलीप ने अपनी पूरी सैलरी सनी की तैयारियों में लगा दी।

सनी ने न केवल अपने माता-पिता की जिंदगी बदल दी, बल्‍क‍ि मलीन बस्ती में रहने वाले उन लोगों के लिए भी नजीर बन गए, जो ये मान लेते हैं कि गरीबी और बदकिस्मती उनकी नियती में है।

सनी ‘लायन’ के बाद ‘लव सोनिया’ में नजर आने वाले हैं। फिल्म ‘लायन’ में सरू के रोल के लिए सनी ने करीब 2000 बाल कलाकारों को बीट किया है। ऑस्कर 2017: ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ का यह स्टार क्या बना पाएगा रिकॉर्ड सनी ‘लायन’ के पहले प्रीमियर को अटेंड नहीं कर पाए थे, क्योंकि उनका वीजा नहीं बन पाया था।

सनी को जब यह फिल्म मिली थी तब सनी को अंग्रेजी बोलनी नहीं आती थी। सनी को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है और क्रिकेट की वजह से ही वो हॉलीवुड एक्ट्रेस निकोल किडमैन और डेविड वेनहैम के बेहद करीब भी आ गए।