जानिए, कैसे भयंकर बाढ़ की चपेट में आये गुजरात में अस्त – व्यस्त हुआ जन जीवन

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नई दिल्ली : बारिश की वजह से गुजरात में हालात बेहद खराब हो गए हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल बनासकांठा और पाटन जिले है। अब तक यहां 75 से ज्यादा लोगों की मौत और 900 जानवर मर चुके हैं। बाढ़-बारिश में फंसे 25,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया है।

सोमवार रात लगातार बारिश के चलते 25,000 से ज्यादा लोगों को सेना के जवानों ने सुरिक्षत स्थान पर पहुंचाया है। इस बारिश से उत्तर गुजरात विशेषकर प्रभावित हुआ है। लगभग 1,000 को बचाया गाया और 15,000 को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।

बनासकांठा में लगभग हर गांव, गली मोहल्ले में पानी भरा है। रिहाइशी इलाकों में पानी घर के अंदर आ गया है। यहां कई बड़े ट्रक आधे पानी में डूबे गए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि पानी का जलस्तर कितना बढ़ गया है। आलम ये है कि यहां पूरा कंसारी गांव बाढ़ के पानी में डूब गया है। गांववालों के पास ना खाना है और ना पीने का पानी। गुजरात के डीसा और धानरा में राजस्थान की ओर जाने वाला मुख्य हाइवे जलमग्न हो गया है। लोगों को टोल पर रोका जा रहा है।

बनासकांठा की अनाज मंडी पूरी तरह पानी में डूब चुकी है। अनाज मंडी में रखा सारा अनाज बाढ़ और बारिश की भेंट चढ़ चुका है। फिलहाल बनासकांठा की अनाज मंडी और किसी छोटे तालाब में कोई खास फर्क नहीं दिख रहा है। गुजरात में बाढ़ से सबसे ज्यादा बनासकांठा, साबरकांठा, पाटन जिले प्रभावित हैं।

राज्य सरकार ने नौसेना और थल सेना की मदद मांगी है, तीनों जिलों में स्कूल को बंद कर दिए गए हैं। बनासकांठा के भरथ गांव में 100 लोग फंसे हुए हैं। बनासकाठा से 142 किलोमीटर दूर मेहसाणा में भी हालात बुरे होते जा रहे हैं। घर एक मंजिल तक पानी में हैं। बाढ़ के पानी को जहां जगह मिल रही है वो वहां घुस जा रहा है। घरों के अंदर नदियां बह रही हैं।