जानिए, नोट बंदी पर ऐसा क्या बोले मनमोहन कि हिल गया संसद

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नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के बाद मोदी सरकार पर विपक्षियो का वार रुकता दिखाई नहीं दे रहा है। वहीँ राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर बहस में हिस्सा लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘नोटबंदी से आम लोगों को परेशानी हो रही है। सरकार इस पर ध्यान दे।’ उन्होंने कहा, नोटबंदी के बाद 60-65 लोगों की जान चली गई है, इससे हमारे लोगों का करेंसी और बैंकिंग सिस्टम पर से विश्वास कम हो जाएगा।

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘जो लोग कहते हैं कि लांग रन में नोटबंदी का फायदा होगा, उन्हें याद रखना चाहिए कि लांग रन में हम सब मर जाएंगे। फायदा देखने के लिए कोई जिंदा नहीं रहेगा।’ पूर्व प्रधानमंत्री ने नोटबंदी को खामियों की स्मारक बताया है।

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि 50 दिन का इंतजार करें… लेकिन गरीब व्यक्ति के लिए तो ये 50 दिन भी घातक साबित हो सकते हैं। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वे किसी एक देश का नाम बता दें जहां लोग बैंकों में अपना पैसा तो जमा कराते हैं, लेकिन निकाल नहीं सकते।’

पूर्व प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा, ‘हम इस योजना को कैसे लागू कर सकते हैं, इसके लिए रचनात्मक प्रस्ताव के साथ आना चाहिए। देश के ग्रामीण इलाकों में अधिसंख्य लोगों की सेवा करने वाले कोऑपरेटिव बैंकों के बास पैसा नहीं है, वे बंद पड़े हैं।’
मनमोहन सिंह ने कहा, ‘उम्मीद करते हैं कि आम लोगों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री किसी व्यवहारिक रास्ते की खोज करेंगे।

इससे पहले पिछले 5 दिन से ठप पड़ी संसद में गुरुवार सुबह भी जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, दोनों सदनों में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा दोनों को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। हालांकि लोकसभा की कार्यवाही आगे भी नहीं चली और बाद में सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में 12 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद नोटबंदी के मुद्दे पर बहस शुरू हुई।

इससे पहले गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। समाजवादी पार्टी के सांसद अक्षय यादव ने एक पेपर फाड़कर लोकसभा अध्यक्ष की ओर फेंका, जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

पेपर फाड़कर फेंकने की घटना के बाद संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार और राज्यमंत्री एसएस अहलूवालिया लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मिलने के लिए पहुंचे। स्पीकर ने कहा कि इस तरह से पेपर फेंकना सही नहीं है।

इस पर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू का कहना है कि सरकार नोटबंदी के मुद्दे पर बहस से नहीं भाग रही है। लोकसभा में जो कुछ हुआ वो बहुत दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए था।

नोटबंदी के फैसले का जोरदार विरोध कर रही टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी गुरुवार दोपहर 2 बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आकर नोटबंदी के मुद्दे पर बहस में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, अब जल्द से जल्द विपक्ष को भी बहस शुरू करनी चाहिए। विपक्ष लगातार चर्चा के दौरान पीएम की मौजूदगी की मांग कर रहा है।

राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा के लिए 9 घंटे आवंटित किए गए हैं, जिसमें 24 लोगों को बोलना है। चर्चा पर वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना बयान देंगे। चर्चा में पीएम भी हस्तक्षेप कर सकते हैं।

इधर क्रिकेटर युवराज सिंह को भी संसद भवन में देखा गया। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे थे। बता दें कि वे जल्द ही अभिनेत्री हेज़ल कीच से शादी करने वाले हैं और जब वे संसद पहुंचे तो उनके हाथ में शादी का कार्ड जैसा कुछ था।

लोकसभा में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए थे। नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध के चलते दोनों सदनों में काम नहीं हो पा रहा है। सरकार इस गतिरोध को खत्म करना चाहती है। सरकार के कुछ मंत्रियों ने गतिरोध खत्म करने के लिए विपक्षी दलों से सम्पर्क किया है। सरकार के मंत्रियों का कहना है कि इस मुद्दे पर जीत और हार की कोई बात नही है। नोटबंदी के बाद लोगों की असुविधा कम करने के लिए सरकार के विभिन्न विभागों ने कई निर्देश देने के साथ कई कदम भी उठाए हैं।

सड़क से संसद तक विपक्ष का हंगामा

नोटबंदी पर इस संग्राम में पांच दिन से संसद ठप करने के बाद 12 विपक्षी दलों के करीब 200 सांसदों ने बुधवार को सड़क पर उतर नोटबंदी को लेकर सरकार की घेराबंदी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद में नोटबंदी से जुड़े सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। साथ ही विपक्षी दलों ने 28 नवंबर को नोटबंदी से मची खलबली के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान भी किया है।

राजस्थान से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे रहे कांग्रेस नेता सचिन पायलट का कहना है कि नोटबंदी के बाद लोगों को हो रही आर्थिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी पूरे राज्य में धरने प्रदर्शन करेगी।

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हम नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नहीं हैं। हम इसको लागू करने के तरीके के खिलाफ हैं। देश में पैसे का अभाव है।’

टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने राज्यसभा में कहा, ‘सिर्फ 2 फीसदी लोगों के पास कालाधन है, तो फिर 98 फीसद लोगों को नोटबंदी के कारण परेशान होना पड़ रहा है।’