जानिए कौन लेगा राष्ट्रिपति प्रणब मुखर्जी की जगह ?

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नई दिल्ली : अमेंरिका में राष्ट्रपति चुनाव खत्म हो गए हैं। वहां के बाद अब निगाहें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति के चुनाव पर लग गई हैं। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल जल्द ही खत्म होने वाला है। उनके बाद कौन होगा देश का अगला राष्ट्रपति इसको लेकर अलग अलग राजनीतिक दलों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

केंद्र की मोदी सरकार ने इस मुद्दे पुर अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। दरअसल राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा में आंकड़ों का खेल बेहद अहम हो जाता है। सबसे पहले आपको बताते हैं कि कौन हो सकता है देश का अगला राष्ट्रपति, जिस नेता की हम बात कर रहे हैं उन्हे कभी लौहपुरुष कहा जाता था। वो केंद्र की सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी देश के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं।

बीजेपी ने उनको राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए का उम्मीदवार बनाने का फैसला लगभग कर लिया है। आडवाणी फिलहाल सक्रिय राजनीति से दूर हैं। आडवाणी को राष्ट्रपति बनाकर बीजेपी उन्हे सम्मानजनक तरीके से राजनीति से रुखसत करना चाहती है। लाल कृष्ण आडवाणी के रूप में पीएम मोदी ने एक बार फिर से मास्टर स्ट्रोक चला है।

दरअसल आडवाणी के राष्ट्रपति बनने से मोदी को कई फायदे होंगे। पहला तो ये कि भारतीय राजनीति में मोदी का दबदबा और बढ़ेगा।दूसरा ये कि आडवाणी को राष्ट्रपति बनाए जाने से बीजेपी में मोदी विरोधी खेमा लगभग खत्म हो जाएगा। बता दें कि आडवाणी को मोदी विरोधी माना जता है। आडवाणी खुद पीएम बनने का सपना संजोए हुए थे, लेकिन मोदी के कारण उनका सपना हकीकत की रोशनी नहीं देख पाया।

अब आपको बताते हैं कि आडवाणी क्यों भारत के अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं। दरअसल आडवाणी आज राजनीति के जिस मुकाम पर हैं वहां उनका विरोध करने वाले काफी कम हैं। आडवाणी की राजनीतिक स्वीकार्यता से कोई इंकार नहीं कर सकता है। राष्ट्रपति के चुनाव के लिए लोकसभा में तो बीजेपी के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आडवाणी को आगे करके मोदी ने मास्टरस्ट्रोक चला है।

आडवाणी को मार्गदर्शक मंडल में डालने के बीजेपी के फैसले को कांग्रेस ने आडवाणी के साथ नाइंसाफी बताया था। ऐसे में अब वो आडवाणी का विरोध करने की स्थिति में नहीं है। वैसे भी कांग्रेस के पास मोदी को रोकने का संख्याबल नहीं है। बाकी दलों को साधने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि लाल कृष्ण आडवाणी देश के अगले राष्ट्रपति बनने की राह पर चल पड़े हैं।