अब तो यह सिद्ध हो गया है कि हम वाकई पिछड़े हैं। लोग 21वीं सदी की हाईटेक सिस्टम से हर क्रियाएँ करने लगे हैं और एक हम हैं कि वही कलम-कागज, वही पुराना लकड़ी का पैड जो वर्षों से इस्तेमाल करते चले आ रहे हैं, अब भी हमारे लेखनकक्ष...

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पृथ्वी की तीसरी आंख कहे जाने वाले केपलर स्पेस टेलीस्कोप ने धरती से 500 प्रकाश वर्ष दूर दूसरी धरती को खोजा है। यानी उतनी दूरी जितनी एक सेकंड में 3 लाख किलोमीटर चलने वाला प्रकाश एक साल में तय करता है। यानी एक साल में 9 खरब किलोमीटर। अब...

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